सिलीगुड़ी: असम नरसंहार के जिम्मेदार बोडो उग्रवादी के खिलाफ आज पूरे बंगाल में आदिवासी लामबंद हुए. असम के कोकराझाड़, सोनीतपुर तथा चिरांग जिले में 70 से भी अधिक बेकसूर आदिवासियों के नरसंहार की घटना की निंदा करते हुए आदिवासियों ने केंद्र व असम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बोडो उग्रवादियों से सरकार कड़ाई से नहीं निपटती है एवं उग्रवादियों को पूरी तरह से नहीं मिटाती है, तो देश भर के आदिवासी असम जाकर एक-एक खून का बदला लेने के लिए मजबूर होंगे.
बोडो उग्रवादियों को चुन-चुन कर मारा जायेगा. इसके लिए केन्द्र, असम व बंगाल सरकार को आज ज्ञापन के माध्यम से सचेत किया गया. बंगाल के सभी जिलों में आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन किया गया.
आदिवासी सोसियो एडुकेशनल ऐंड कल्चरल एसोसिएशन की दाजिर्लिंग जिला इकाई के बैनरतले आज सिलीगुड़ी में धिक्कार रैली निकाली गई. इस दौरान आदिवासियों ने अपने परंपरागत हथियार तीर-धनुष, भाला एवं परंपरागत वाद्य यंत्र ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार तरीके से शौर्य प्रदर्शन किया. स्थानीय मल्लागुड़ी स्थित खुदीराम बोस की मूर्ति के सामने से शुरू हुई रैली शहर के प्रमुख मार्गो का परिभ्रमण किया. रैली सिलीगुड़ी कोर्ट परिसर में पहुंच कर घेराव में तब्दील हो गयी. प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट में एसडीओ दफ्तर का घेराव किया. संगठन के दाजिर्लिंग जिला अध्यक्ष हम्प्पा मार्डी व सचिव त्रिनाथ मूमरू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि दल एसडीओ डॉ दीपप प्रिया पी के मारफत प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, असम व बंगाल सरकार को विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन भेजा.