सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों में असम नरसंहार में पीड़ित आदिवासियों के लिए राहत जुटाने के नाम पर धन उगाहने का आरोप सामने आने के बाद तृणमूल नेताओं ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार तथा कूचबिहार जिले में कई स्थानों पर व्यवसायियों से राहत के नाम पर चंदे के रूप में मोटे रकम की उगाही की जा रही है.
फिलहाल इस इलाके में तृणमूल कांग्रेस के नेता और समर्थक ही राहत उगाही के काम में लगे हुए हैं. नगद राशि वसूली के आरोप सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में राहत के रूप में नगद रुपये नहीं लेने का फरमान जारी कर दिया है. जलपाईगुड़ी के जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती ने स्वयं ही पार्टी समर्थकों को कह दिया है कि राहत के रूप में कहीं से भी नगदी लेने का मामला सामने आया, तो कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने समर्थकों को कहा है कि राहत के रूप में सिर्फ खाद्य पदार्थ, कपड़े आदि ही लिये जा सकते हैं. अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिले में भी तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले को लेकर सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि सारधा मामला सामने आने के बाद ऐसे ही पार्टी की छवि काफी धुमिल हो गयी है.
ऐसे में वह लोग नहीं चाहते कि आदिवासियों के लिए राहत के नाम पर पैसे बनाने का कोई मामला सामने आये. इस बीच, कुमारग्राम में असम से शरणार्थियों का आना जारी है. पिछले दो दिनों में करीब 100 से भी अधिक शरणार्थी कुमारग्राम आये हुए हैं. हालांकि अभी असम के कोकराझाड़ तथा सोनीतपुर जिले में हिंसा की कोई नयी घटना नहीं हुई है. इसके बावजूद असम से शरणार्थियों का आना बदस्तूर जारी है.
इसको लेकर जिला प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. कुमारग्राम में शरणार्थियों के लिए चार शिविर बनाये गये हैं और इन चारों शिविरों में 1300 से भी अधिक शरणार्थी शरण लिये हुए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में इन शरणार्थी शिविरों का दौरा किया था.
शरणार्थियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसका स्पष्ट निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिया था. उसके बाद से ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम पंचायत प्रधानों की भी सक्रियता काफी बढ़ गई है. शरणार्थियों की खाने-पीने की व्यवस्था पंचायत द्वारा की जा रही है. कुमारग्राम के बीडीओ शिलादित्य चक्रवर्ती स्वयं इस पूरे मामले पर नजर बनाये हुए हैं. उनका मानना है कि आने वाले दो दिनों में शरणार्थियों की संख्या और भी अधिक हो सकती है. इस बीच, इतने शरणार्थियों को देखते हुए शरणार्थी शिविरों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है. उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव भी शरणार्थी समस्या की मोनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि जरूरत हो, तो शरणार्थी शिविरों की संख्या बढ़ा दी जाये. हर दिन ही इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी दी जा रही है.