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मालदा में किया चक्का जाम
असम में नरसंहार. आदिवासियों का फूटा गुस्सा, प्रशासन ने की बैठक सुबह से शाम तक सड़कों पर अवरोध मालदा : असम में उग्रवादियों के हाथों आदिवासियों की हत्या के विरोध में शुक्रवार को मालदा के गाजोल में दिन भर पथावरोध व प्रदर्शन का आलम रहा. सुबह नौ बजे से गाजोल थाना के 81 नंबर राष्ट्रीय […]
असम में नरसंहार. आदिवासियों का फूटा गुस्सा, प्रशासन ने की बैठक
सुबह से शाम तक सड़कों पर अवरोध
मालदा : असम में उग्रवादियों के हाथों आदिवासियों की हत्या के विरोध में शुक्रवार को मालदा के गाजोल में दिन भर पथावरोध व प्रदर्शन का आलम रहा. सुबह नौ बजे से गाजोल थाना के 81 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य सड़क के विभिन्न इलाके में आदिवासी संगठनों ने पथावरोध किया.
स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए आनन-फानन में मंत्री व जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने आदिवासी संगठन के नेताओं के साथ बैठक की. सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक मालदा शहर के ओल्ड सर्किट हाउस में बैठक हुई. बैठक में मंत्री कृष्णोंदु चौधरी, जिलाशासक शरद द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी व विभिन्न दफ्तर के अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में मालदा जिला आदिवासी सेगेल अभियान समिति के जिलाध्यक्ष मोहन मुमरू, झारखंड दिशम पार्टी के जिलाध्यक्ष मोहन हांसदा, गाजोल ब्लॉक के अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू व आदिवासी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष गोड़ा आदि उपस्थित थे.
बैठक के पहले आदिवासी संगठनों की ओर से सुबह नौ बजे से गाजोल के 21 माइल इलाके के मालदा-बालुरघाट, गाजोल-बामनगोला राज्य सड़क व चांचल के 81 नंबर राजमार्ग के पांचपाड़ा स्टैंड के निकट पथावरोध शुरू किया गया. बाद में बैठक के दौरान आदिवासी संगठनों की मांग व सभी मामलों की जांच का आश्वासन देने के बाद अवरोध हटाया गया. मोहन मुमरू ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने व मारे गये लोगों के परिवारों को 10 लाख व घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.
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