सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के फूलबाड़ी में राज्य सरकार की मिनी सचिवालय उत्तरकन्या का निर्माण आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया था. तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार की मिनी सचिवालय के स्थापना से उत्तर बंगाल के लोगों को किसी भी काम के लिए अनावश्यक रूप से कोलकाता का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. राज्य सरकार के इस निर्णय से उत्तर बंगाल के लोगों का क्या भला हुआ, इसका तो पता नहीं, लेकिन पास ही स्थित वसुंधरा आवासन के लोगों को इससे काफी परेशानी हो गई है. हर दिन ही किसी न किसी मंत्री, बड़े अधिकारी तथा वीआइपी का उत्तरकन्या आना-जाना लगा रहता है.
सुरक्षा के नाम पर वसुंधरा आवासन की ओर आने-जाने वाली सड़क को बंद कर दिया जाता है, जिसकी वजह से इस आवासन में रह रहे 140 परिवारों की जिंदगी दूभर हो गई है.
खासकर मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान तो परेशानी काफी बढ़ जाती है. मुख्यमंत्री के आगमन को ध्यान में रखते हुए सड़क को बंद कर दिया जाता है और इस आवासन में रह रहे लोग न तो अपने घर से निकल पाते हैं और न ही अपने घर में प्रवेश कर पाते हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों को भी नहीं छोड़ा जाता. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान वसुंधरा आवासन आवासी कल्याण कमेटी के सचिव विकी सरिया ने कहा कि पिछली बार जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तरकन्या आयी थीं तब भी इस सड़क को बंद कर दिया गया था. सड़क के बंद करने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा सके थे. उन्होंने तब भी इस मुद्दे को उत्तरकन्या प्रशासन के समक्ष उठाया था. लेकिन तब उन्हें तथा अन्य दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था. श्री सरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन तमाम परेशानियों को लेकर उत्तरकन्या के संयुक्त सचिव के साथ कई बार बैठक की गई, संयुक्त सचिव ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन साथ में यह भी हिदायत दी थी कि वसुंधरा आवासन के लोग वीआइपी गतिविधियों को ध्यान में रखकर अपने आने-जाने का समय तय कर लें.
श्री सरिया ने प्रश्न करते हुए कहा कि आवासन के लोग तो अपने आने-जाने का समय तय कर सकते हैं, लेकिन स्कूल का समय भला वह कैसे तय करेंगे. बच्चों को तो स्कूल जाना पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि वसुंधरा आवासन के लोग पहले से ही कई समस्याओं से परेशान हैं. ऊपर से राज्य सरकार वसुंधरा आवासन की जमीन कब्जा कर बाउंड्रीवाल बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि वह लोग बाउंड्रीवाल बनाने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन बाउंड्रीवाल वसुंधरा आवासन के लिए पहले से ही बाउंड्रीवाल के लिए चिन्हित स्थान पर बनाया जाना चाहिए. श्री सरिया ने आगे कहा कि कल कुछ लोग जेसीबी लेकर आये और वसुंधरा आवासन में लगे स्ट्रीट लाइट के खंभे, पेड़-पौधे आदि नष्ट कर दिये. जब लोगों ने पूछताछ की, तो उन लोगों ने बताया कि बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए यह तोड़फोड़ की गई है. श्री सरिया ने कहा कि वसुंधरा आवासन के भीतर करीब 25 फीट जमीन पर कब्जा कर उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय बाउंड्रीवाल बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट जाने की भी धमकी दी.
क्या है मामला
फूलबाड़ी के निकट वसुंधरा आवासन का निर्माण पश्चिम बंगाल हाउजिंग कंस्ट्रक्शन डिवीजन-1 ने कराया है. करीब दस वर्ष पहले दो ब्लॉकों में बने 140 मकान की बिक्री सरकार की ओर से की गई. उसके बाद से ही इस आवासन में लोग रहते आ रहे हैं. करीब एक साल पहले ठीक पास में ही मिनी सचिवालय उत्तरकन्या का निर्माण कराया गया. मिनी सचिवालय के पास ही इस आवास के रहने के कारण सुरक्षा कारणों की वजह से यहां के लोगों को परेशानी हो रही है.