सिलीगुड़ी: कुछ महीने पहले निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के बोर्ड के भंग होने के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम दिवालियेपन के कगार पर खड़ा है. धन की भारी कमी के कारण भुगतान का संकट लगातार गहराता जा रहा है.
सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने वाले ठेकेदारों के बकाये रकम के भुगतान नहीं होने से स्थिति काफी बिगड़ गई है. मेयर गंगोत्री दत्ता के इस्तीफे के बाद ऐसा लग रहा था कि राज्य सरकार तत्काल प्रशासक की नियुक्ति करेगी और नगर निगम के सामान्य काम-काज पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. इतने महीने बीत जाने के बावजूद ना तो यहां प्रशासक की नियुक्ति हुई है और ना ही निकट भविष्य में चुनाव के कोई आसार है. स्वभाविक रूप से इसका असर नगर निगम के काम-काज पर पड़ रहा है. विभिन्न मदों में टैक्स का कलेक्शन रूका पड़ा है. इसी तरह बिल्डिंग के प्लान भी पास नहीं हो रहे हैं.
नगर निगम नियम के अनुसार बोर्ड बैठक में ही बिल्डिंग के प्लान को पास किये जाने का प्रावधान है. लेकिन जब बोर्ड ही नहीं है तो स्वभाविक रूप से बिल्डिंग के प्लान भी पास नहीं हो रहे हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम के आय के मुख्य स्नेतों में एक बिल्डिंग प्लान पास करना शामिल है. स्वभाविक तौर पर ऐसा नहीं होने से नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है.
आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम के आयुक्त सोनम वांग्दी भुटिया ने नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की और उसके बाद टैक्स कलेक्शन के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया. इसी क्रम में 16 अगस्त से सिलीगुड़ी नगर निगम ने विभिन्न बोरो कमेटियों में हॉल्डिंग म्यूटेशन टैक्स की वसूली के लिए कैम्प लगाने का निर्णय लिया गया है. एक और तीन नंबर बोरो कमिटी क्षेत्र में पड़ने वाले घरों के लिए 16 तथा 17 अगस्त को बोरो कमिटी कार्यालयों में ही टैक्स कलेक्शन के लिए कैम्प लगाया जायेगा. दो नंबर बोरो कमिटी में 30 और 31 अगस्त को कैम्प लगाने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह 4 और 5 नंबर बोरो कमिटी में 23 और 24 अगस्त को कैम्प आयोजित होगा. नगर निगम को उम्मीद है कि इस कैम्प के आयोजन से म्युटेशन टैक्स के रूप में मोटी रकम की वसूली हो सकेगी जिससे भुगतान संकट के समाधान की दिशा में कुछ लाभ होगा. इस कैम्प के दौरान लोग बड़े पैमाने पर होल्डिंग म्युटेशन टैक्स जमा कराने आयें, इसके लिए नगर निगम ने बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया. विभिन्न वार्डो में माइकिंग कराने की भी तैयारी है. यहां उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के आर्थिक संकट के कारण कई ठेकेदारों का बकाया पड़ा हुआ है. स्थिति यह हो गई है कि साफ-सफाई के काम में लगे एक ठेकेदार ने 35 लाख रुपये की वसूली के लिए नगर निगम को कानूनी नोटिस भी भेज रखी है.