दार्जिलिंग : सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण मंच के महासचिव शंकरहाग सुब्बा ने कहा है कि इस बार भी गोरखालैंड का गठन नहीं हुआ, तो सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण मंच ने किसी को भी गोरखालैंड की मांग को चुनाव में मुद्दा बनाने नहीं देगा.
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गोरखालैंड की मांग को नहीं बनाने देंगे चुनावी मुद्दा: सुब्बा
दार्जिलिंग : सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण मंच के महासचिव शंकरहाग सुब्बा ने कहा है कि इस बार भी गोरखालैंड का गठन नहीं हुआ, तो सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण मंच ने किसी को भी गोरखालैंड की मांग को चुनाव में मुद्दा बनाने नहीं देगा. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों से बात करते हुए श्री सुब्बा ने कहा कि […]
दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों से बात करते हुए श्री सुब्बा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 2009 से लेकर 2019 तक के चुनावों में गोरखालैंड की मांग पर सहनुभूति पूर्वक विचार करके समाधान करने का वादा किया था. घोषणापत्र से लेकर चुनावी भाषणों तक इसका उल्लेख किया गया. विधायक से लेकर सांसद तक चुनाव जीत गये, लेकिन इन 15 वर्षों में भाजपा ने दार्जिलिंग और गोरखाओं की मांग पर कोई विचार नहीं किया. उन्होंने आनेवाले शीतकालीन अधिवेशन में दार्जिलिंग और गोरखा के बारे सांसद में विधेयक पेश करने की मांग रखी.
श्री सुब्बा ने कहा कि 1986 में भी दार्जिलिंग में आन्दोलन हुआ था. उक्त आन्दोलन पर 1988 में त्रिपक्षीय समझौता के माध्यम से दार्जिलिंग गोरखा पार्वतीय परिषद का गठन हुआ. 2011 में फिर त्रिपक्षीय बैठक के माध्यम से गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन का गठन हुआ. जीटीए से भी गोरखाओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. इस लिए इस व्यवस्था में इसका स्थायी राजनैतिक समाधान भी नही होगा. सिक्किम दार्जिलिंग एकीकरण को लेकर मंच के भावी कार्यक्रम क्या है? इस प्रश्न के जवाब में महासचिव ने समय आने पर खुलासा करने का जानकारी दी.
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