तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के राजशाही ने शुरू की थी सार्वजनिन पूजा
हेमताबाद(उत्तर दिनाजपुर) : दुर्गा पूजा को अब केवल 10-12 रोज शेष रह गये हैं. इस बीच दुर्गोत्सव को लेकर बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं में काफी उत्साह है. वहीं, उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमताबाद ब्लॉक अंतर्गत काड़सिंग इलाके में आयोजित होने वाली दुर्गा पूजा उत्तमाई चंडी के रुप में पूजी जाती हैं.
यह पूजा बहुत ही पुरानी है. स्थानीय लोगों के अनुसार उत्तमाई दुर्गा पूजा का प्रारंभ आज से 500 साल पहले तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के राजशाही जिले के जमींदारों ने शुरु करवाया था. 1947 देश के बंटवारे के समय इन जमींदारों ने पूजा का दायित्व स्थानीय लोगों को सौंप दिया.
लोग बताते हैं कि कभी यह इलाका जंगल से घिरा हुआ था. समय के साथ इलाके के श्रद्धालुओं ने उत्माई चंडी देवी का पक्का मंदिर बनवाया. मां दुर्गा के नाम पर यहां 7-8 बीघा जमीन है जिसमें पूरे साल खेती होती है. देवी की पांच बहनों के नाम से मंदिर प्रांगण में 19 थान हैं. मंदिर के सेवायत फलेन देनशर्मा ने बताया कि दुर्गा पूजा में सभी 19 थानों की पूजा होती है. दुर्गा पूजा के चार रोज निरामिष भोज का आयोजन होता है. अष्टमी को तड़के मंदिर में बकरे की बलि दी जाती है. देवी का प्रताप दूर दूर तक फैला है. लोग दूर दराज से यहां पूजा अर्पित करने आते हैं और उनकी मनोकामनायें भी पूरी होती हैं.
महानवमी को महाखिचड़ी का भोग लगता है. दशमी को भक्तों का मुंह मीठा कराकर देवी मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. हालांकि यह विसर्जन सांकेतिक ही होता है. मूर्ति को अगली दुर्गा पूजा के पहले विसर्जित किया जाता है. दशमी के बाद अष्टमंगला पूजा होती है. उसके बाद चैत्र मास में देवी की बासंती रुप में की जाती है. स्थानीय लोगों ने बताकि दुर्गा पूजा को लेकर यहां मेला लगता है.