रानीगंज : ऐतिहासिक रानीगंज स्टेशन का रेल पार्सल कार्यालय बंदी के कगार पर है. इसके बंद होने से शहर के व्यवसायियों को काफी परेशानी होगी.
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रानीगंज का रेलवे पार्सल विभाग खतरे में
रानीगंज : ऐतिहासिक रानीगंज स्टेशन का रेल पार्सल कार्यालय बंदी के कगार पर है. इसके बंद होने से शहर के व्यवसायियों को काफी परेशानी होगी. रानीगंज अंचल की पहचान हमेशा से औद्योगिक एवं व्यवसाय के लिए कोलकाता के बाद सबसे बड़ी मंडी के रूप में रही है. लघु उद्योग में बननेवाले यहां के उत्पाद रेल […]
रानीगंज अंचल की पहचान हमेशा से औद्योगिक एवं व्यवसाय के लिए कोलकाता के बाद सबसे बड़ी मंडी के रूप में रही है. लघु उद्योग में बननेवाले यहां के उत्पाद रेल पार्सल के माध्यम से झारखंड, बिहार तथा देश की अन्य मंडियों तक आसानी से पहुंचते हैं. देश के विभिन्न प्रान्तों से सामग्री यहां लाई जाती है. चनाचूर के कारोबारी एवं फुटकर व्यवसायियों के लिए इस मंदी के दौर में अस्तित्व बचाने के लिए यह एक प्रमुख साधन है.
एक समय रानीगंज रेलवे पार्सल से लाखों रुपये भाड़ा की बुकिंग रोज हुआ करती थी. लेकिन रेलवे के तकनीकी बदलाव की वजह से यह विभाग रुग्ण अवस्था में पहुंच गया है. पार्सल कार्यालय में कार्यरत आठ अधिकारी व कर्मी दिन भर बिना कार्य के बैठते रहते हैं.
चनाचूर व्यवसाय से जुड़े एवं चनाचूर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव विनोद गुप्ता ने बताया कि पहले यहां सियालदह, मुजफ्फरपुर फास्ट पैसेंजर का ठहराव पांच मिनट हुआ करता था. उसका ठहराव मात्र दो मिनट कर दिया गया है. रांची हटिया पैसेंजर ट्रेन को डीएमयू में तब्दील कर दिया गया है. फलस्वरूप ठहराव समय कम रहने से पार्सल अधिकारी इनमें बुकिंग करने से इंकार करते हैं. ऐसे में छोटे व्यवसायी, जो इन ट्रेनों पर निर्भर थे, वे समस्या से जूझ रहे हैं.
जीएसटी आने के बाद काफी सुविधा मिली थी, बुकिंग एवं कामकाज सुचारू रूप से चल रहा था. उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान क लिए डीआरएम को ज्ञापन भी सौंपा. आश्वासन भी मिला है लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है. स्थानीय सांसद बाबुल सुप्रियो को भी ज्ञापन सौंपा गया.
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन आसनसोल दो के अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि पार्सल विभाग को पूनर्जीवित किया जा सकता है. यदि ट्रेनों का ठहराव थोड़ा बढ़ा दिया जाये. वनांचल एक्सप्रेस तथा आनंद बिहार ट्रेन का ठहराव थोड़ा बढ़ा देने से समस्या का समाधान संभव है.
रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संदीप भालोतिया ने कहा कि मंदी के दौर में व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सरकार नियमित प्रयास कर रही है लेकिन तकनीकी एवं इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से स्थिति यह है कि रानीगंज में प्रत्येक महीना लगभग 15 रैक चीनी उतरती थी, सीमेंट एवं नमक का रेक लगा रहता था इसके साथ ही साथ अन्य सामग्री भी यहां उतरती थी. लेकिन सब बंद हो चुका है.
आरोपी पुलिस अधिकारी लाइन हाजिर
पीड़िता ने दर्ज करायी इस्लामपुर एसपी के पास शिकायत
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