- केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने राजू बिष्ट के सवाल पर दिया संसद में जवाब
- एएच-2 के तहत शिवमंदिर से लेकर सेवक सैनिक छावनी तक डीपीआर है तैयार
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जाम से मिलेगी मुक्ति, एशियन हाइवे-2 परियोजना के तहत दार्जिलिंग मोड़ से गुजरेगी चार लेन सड़क
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने राजू बिष्ट के सवाल पर दिया संसद में जवाब एएच-2 के तहत शिवमंदिर से लेकर सेवक सैनिक छावनी तक डीपीआर है तैयार सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में सबसे बड़े अवरोध के रूप में सर्वसम्मति से दार्जिलिंग मोड़ चिह्नित हो चुका है. शहर से माटीगाड़ा, […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में सबसे बड़े अवरोध के रूप में सर्वसम्मति से दार्जिलिंग मोड़ चिह्नित हो चुका है. शहर से माटीगाड़ा, बागडोगरा की तरफ जाना हो, या फिर दागापुर, सुकना की ओर, दार्जिलिंग मोड़ जाना ही पड़ता है, जहां मिलता है एक-एक किलोमीटर लंबा जमा, जिसमें फंसकर 10-15 मिनट से लेकर आधा घंटा तक बर्बाद हो जाना रोज की बात है. लेकिन, अब शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर आयी है केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से.
दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में, केंद्रीय मंत्री की ओर से दो दिन पहले यानी 25 जुलाई को संसद में बताया गया कि एशियन हाइवे-2 (एएच-2) को सिलीगुड़ी के सालूगाड़ा के पास स्थित सेवक सैनिक छावनी तक लाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) हाथ में ली जा चुकी है.
फिलहाल यह हाइवे शिवमंदिर इलाके तक पहुंच चुका है, जहां से इसे सेवक छावनी तक लाया जाना है. मंत्री के इस जवाब का मतलब हुआ कि इस क्रम में एशियन हाइवे-2 दार्जिलिंग मोड़ से भी गुजरेगा. हाइवे पर गाड़ियां निर्बाध चल सकें, इसके लिए शिवमंदिर से सेवक सैनिक छावनी के बीच जरूरत के हिसाब से फ्लाइओवर व अंडरपास भी बनेंगे. इसका मतलब हुआ कि यह काम पूरा होते ही दार्जिलिंग मोड़ पर लगनेवाले जाम से छुटकारा मिल जायेगा.
नितिन गडकरी ने अपने जवाब में यह भी बताया है कि एशियन हाइवे-2 प्रोजेक्ट के तहत एनएच 31 पर बागडोगरा के बिहार मोड़ से लेकर माटीगाड़ा के शिवमंदिर इलाके तक फ्लाइओवर और अंडरपास बनाने का काम पूरा हो चुका है. अब बारी है, शिवमंदिर से सेवक सैनिक छावनी तक के काम की, जिसके लिए डीपीआर लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि एशियन हाइवे-2 एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें एशिया के कई देश भागीदार हैं. एएच-2 के जरिये नेपाल, बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, थाइलैंड, मलयेशिया, सिंगापुर आपसे में बेहतरीन सड़क मार्ग से जुड़ जायेंगे. इस रूट पर सिलीगुड़ी की भूमिका एक अहम शहर के रूप में होगी.
बांग्लादेश और नेपाल से आनेवाला एशियन हाइवे सिलीगुड़ी से होते हुए पूर्वोत्तर भारत की ओर बढ़ेगा. बांग्लादेश सीमा पर स्थित फूलबाड़ी और नेपाल सीमा स्थित पानीटंकी की तरफ से एशियन हाइवे दार्जिलिंग मोड़ से होते हुए सेवक रोड पर सेवक सैनिक छावनी के पास निकलेगा. वहां से गाड़ियां असम रोड के लिए निकल जायेंगी और असम से होते हुए मणिपुर में म्यांमार की सीमा तक पहुंच सकेंगी.
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