प्रशासनिक बैठक में नगर निगम के विरोधी दल के नेता रंजन सरकार की उपस्थिति पर मेयर नेकिया कटाक्ष
सिलीगुड़ी : नगर निगम में विरोधी दल के नेता रंजन सरकार द्वारा प्रशासनिक बैठक में एसएमसी का प्रतिनिधित्व करने को लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य पर कई सवालिया निशान लगाया है. उनका कहना है कि सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए एसजेडीए को विधान मार्केट का म्यूटेशन बंद करना होगा. इसके अलावे विधान मार्केट में किसी भी दुकान को नये सिरे से ट्रेड लाइसेंस देने पर एसएमसी विचार करेगी.
ज्ञात हो कि बुधवार को मंत्री गौतम देव ने विधान मार्केट में बने अवैध दुकानों को लेकर एक प्रशासनिक बैठक की थी. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बैठक में मेयर को बुलाया नहीं गया था. बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए मेयर ने बताया कि बैठक में उपस्थित नहीं रहने के चलते वे अपना पक्ष नहीं रख पाये.
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी बैठक में मुख्यमंत्री के स्थान पर अब्दुल मन्नान को भेजा जाये तो मुख्यमंत्री इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगी. अगर विरोधी दल के नेता ऐसी बैठकों में जाते हैं तो उन्हें बाहर बैठने की आवश्यकता है. क्योंकि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं मालूम है. उन्होंने बताया कि विधान मार्केट पहले नगर निगम के अधीन था. एसएमसी के पास कोष का अभाव होने के चलते बाजर का विकास करने के लिए एसजेडीए को सौंप दिया गया था.
केवल एसजेडीए वहां से म्यूटेशन वसूल सकता है. जबकि भाड़ा वसूलने का अधिकार एसएमसी का था. उन दोनों के बीच हुए इस समझौते पर सरकार ने भी अपनी मंजूरी दी थी. मेयर ने सलाह देते हुए कहा कि बाजार में अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए एसजेडीए को फिलहाल वहां म्यूटेशन बंद रखना होगा. इसके अलावे नगर निगम नये सिरे से ट्रेड लाइसेंस प्रदान करने पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि केवल ट्रेड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट का नवीनीकरण का काम चलेगा. मेयर ने कहा कि मंत्री को पता है कट मनी कौन कौन ले रहा है. वे भी उस नामों को जानना चाहते हैं. तृणमूल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार घोटाले को बंद नहीं कर सकती. अगर तृणमूल शुद्धिकरण करेगी तो उनकी पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. विधान मार्केट का विकास करना है तो उसे नगर निगम को सौंपना होगा.
मेयर ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अगर किसी भी प्रशासनिक बैठक में विरोधी दल के नेता एसएमसी का प्रतिनिधित्व करेंगे तो वे कमिश्नर को भी ऐसे कार्यक्रमों में जाने की अनुमति नहीं देंगे. मेयर के इस बयान पर पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बताया कि उनका इख्तियार क्या है, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है. उन्हें कानून तथा संविधान के बारे में अच्छा ज्ञान है. इसके अलावे वे मुख्यमंत्री के आदेश पर काम करते हैं.