मालदा : मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ब्लड बैंक में इन दिनों रक्त की भारी किल्लत है. इसी बीच अस्पताल में पहुंची थैलेसेमिया पीड़ित एक बच्ची की मां की असहाय अवस्था को देख दो अनजान युवकों ने रोजा तोड़कर रक्तदान किया.
मंगलवार दोपहर को मोथाबाड़ी थाना के गंगाप्रसाद गांव के दो युवकों ने मालदा मेडिकल कॉलेज में मानवता की यह मिसाल पेश की. दोनों युवकों ने अपना खून देकर छह साल की बच्ची की जान बचायी. पीड़ित परिवार ने भी दिल खोलकर उन्हें आशीर्वाद दिया.
रतुआ थाना के बाहाराल गांव निवासी अबु हयात की एकमात्र बेटी जारिया खातून (छह) थैलेसेमिया से पीड़ित है. अबु हयात बाहरी राज्य में मजदूरी करता है. मंगलवार को बच्ची को लेकर उसकी मां जन्नातुन बीबी मालदा मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक पहुंची.
लेकिन ब्लड बैंक में रक्त नहीं रहने से वह असहाय स्थिति में पड़ गयी. इस स्थिति में मोथाबाड़ी इलाके के दो युवकों अकबर शेख एवं मोहम्मद जहांगीर ने बच्ची को रक्त देने की इच्छा जतायी. दोनों ही युवक अपने अपने बीमार रिश्तेदारों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे.
मददगार युवकों ने बताया कि अचानक एक बुजुर्ग महिला को खून के लिए रोते-रोते दौड़-भाग करते देखा. पूछने पर पता चला कि उसकी छह साल की थैलेसेमिया पीड़ित बच्ची को खून नहीं मिला तो उसे बचाना मुश्किल हो जायेगा. इतना सुनते ही दोनों युवक रक्त देने को तैयार हो गये. आश्चर्यजनक रूप से दोनों का ब्लड ग्रुप भी बच्ची के ब्लड ग्रुप से मिल गया.
पीड़ित बच्ची की दादी ने बताया कि दोनों युवक अल्लाह का फरिश्ता बनकर आये थे और हमारी बच्ची को जिंदगी देकर चले गये. उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को मेडिकल कॉलेज में रक्त की किल्लत से काफी परेशानी हो रही है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.