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कूचबिहार के चुनावी रण में युवा का मुकाबला बुजुर्गों से

कूचबिहार : कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के लिये चुनावी रण में युवा का मुकबला वरिष्ठ नेताओं के बीच है. चुनावी जानकारों की मानें तो इस बार कड़े मुकाबले के आसार हैं. इस चुनाव क्षेत्र के लिये जहां इसबार तृणमूल व वाममोर्चा ने अनुभवी नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा व कांग्रेस ने युवाओं पर भरोसा […]

कूचबिहार : कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के लिये चुनावी रण में युवा का मुकबला वरिष्ठ नेताओं के बीच है. चुनावी जानकारों की मानें तो इस बार कड़े मुकाबले के आसार हैं. इस चुनाव क्षेत्र के लिये जहां इसबार तृणमूल व वाममोर्चा ने अनुभवी नेताओं को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, भाजपा व कांग्रेस ने युवाओं पर भरोसा जताया है.

तृणमूल ने फॉरवर्ड ब्लॉक से आये नेता को अपना प्रत्याशी चुना है तो भाजपा ने तृणमूल से आये नेता को मैदान में उतारा है. जबकि वाममोर्चा ने विभिन्न आन्दोलन में शामिल रहे लड़ाकू नेता को इसबार प्रत्याशी बनाया है. लेकिन कांग्रेस ने बिल्कुल नया, साफ-सुथरी छवि के साथ ही शिक्षित महिला नेता पर भरोसा जताया है.
तृणमूल प्रत्याशी परेश अधिकारी ने कहा कि चुनाव में युवा या वरिष्ठ कोई खास मायने नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि प्रत्याशी के खुद की पहचान, दलीय नीति ही जनता के पास मुख्य विषय होता है. फॉरवर्ड ब्लॉक प्रत्याशी गोविंद राय का कहना है कि पार्टी की नीति ही प्रत्याशी को जीत दिलाती है. भाजपा व तृणमूल दोनों दलों ने अपने नेताओं से ज्यादा दूसरे दलों से आये नेताओं पर भरोसा दिखाते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाया है. लोग ऐसे दल-बदल करने वाले नेताओं पर भरोसा नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि वाममोर्चा हमेशा से जमीनी लोगों के लिए लड़ाई लड़ती रही है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पिया राय चौधरी ने कहा कि इलाके में उनकी पहचान बिल्कुल बेदाग नेता के रूप में है. लोग ऐसे ही बेदाग और शिक्षित प्रत्याशी को चाहते हैं और अवश्य ही भरोसा करेंगे. अन्य दलों के प्रत्याशियों के बारे में उन्होंने कहा कि एक के खिलाफ कई केस दर्ज है. कोई रंग बदलकर प्रत्याशी बना है. इनलोगों को जनता मौका नहीं देगी.
कूचबिहार लोकसभा चुनाव के लिये सबसे अनुभवी प्रत्याशी के रूप में तृणमूल के परेश अधिकारी को माना जाता है. वे मेखलीगंज से चार बार विधायक रह चुके है. वे फॉरवर्ड ब्लॉक के जिला सचिव भी थे. हाल ही में दलबदल कर वे तृणमूल में शामिल हुए व लोकसभा प्रत्याशी बने हैं. वे कूचबिहार की जमीन से जुड़े प्रत्याशी हैं.
दूसरी ओर फॉरवर्ड ब्लॉक के गोविंद राय 2001 में जलपाईगुड़ी विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने थे. वे कूचबिहार के बेरुबाड़ी से तीनबीघा आन्दोलन में कमल गुहा के सहयोगी रहे हैं. सीमांत इलाके की समस्याओं को लेकर उन्होंने लंबे समय तक आन्दोलन किया है. वाममोर्चा को उनपर पूरा भरोसा है.
लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी पिया राय चौधरी यहां बिल्कुल नयी है. वे रायगंज की बेटी हैं, लेकिन कूचबिहार में नौकरी के साथ-साथ यहां की बहू भी हैं. वे कूचबिहार जिला महिला कांग्रेस की सभानेत्री हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. उनको एक साफ-सुथरा व शिक्षित प्रत्याशी माना जा रहा है. जबकि भाजपा प्रत्याशी निशीथ प्रमाणिक 34 वर्षीय नौजवान हैं.
पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें तृणमूल से निष्काशित कर दिया गया था. जिसके बाद वे हाल ही में भाजपा में शामिल हुये. कूचबिहार भाजपा जिला सभानेत्री ने बताया कि भाजपा युवाओं पर भरोसा करती है. निशीथ प्रमाणिक ने खुद के दम पर इलाके में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दिनहाटा में पंचायत चुनाव में जीत भी हासिल की है.

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