मालदा : राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से आठ हजार करोड़ रुपए के कृषि ऋ ण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके अलावा स्वनिर्भर दलों को 1200 करोड़ रुपये के कर्ज दिये जायेंगे. गुरुवार को मालदा के जिला केंद्रीय सहकारी […]
मालदा : राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से आठ हजार करोड़ रुपए के कृषि ऋ ण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके अलावा स्वनिर्भर दलों को 1200 करोड़ रुपये के कर्ज दिये जायेंगे. गुरुवार को मालदा के जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की बैठक में भाग लेने आये सहकारिता मंत्री अरुप राय ने उक्त जानकारी दी.
मंत्री ने आज दोपहर को मालदा समाहरणालय में उत्तर बंगाल के आठ जिलों के सहकारी बैंकों के अधिकारियों को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को किसानों को सहज तरीके से ऋ ण देने के लिये निर्देश दिये. मंत्री ने बताया कि सहकारी बैंकों ने राज्य में 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है.
बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मंत्री अरुप राय ने आरोप लगाया कि सरकारी बैंक किसानों को कर्ज देना नहीं चाहते. जिस तरह वामफ्रंट के कार्यकाल में पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती थी उसी तरह से बैंक कृषि ऋ ण देने में बहानेबाजी कर रहे हैं. किसानों को कर्ज देना तो दूर है उनसे बात करने के लिये बैंक अधिकारियों के पास समय नहीं होता. ऐसे में राज्य सरकार भी चुप बैठने वाली नहीं है. उन्होंने बताया कि राज्य के 710 गांवों में किसी भी बैंक की शाखा नहीं है.
किसानों के हित का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर 2631 सहकारी बैंकों के सेवा केंद्र खोले गये हैं. वहां से ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से कर्ज ले दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 33 हजार सहकारी समितियां हैं. गांवों के 6000 स्वनिर्भर दल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
तृणमूल सरकार बनने के पहले 75 ग्राम पंचायतों में कोई बैंक नहीं था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर 54 ग्राम पंचायत इलाकों में बैंक चालू किया जा सका है. लेकिन सरकारी बैंक शाखा खोलने में कोई रुचि दिखा नहीं रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में सहकारी बैंकों ने 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है. मालदा जिले में भी बेहतर काम हो रहे हैं.