सिलीगुड़ी: जीटीए के अस्थायी कर्मचारियों ने स्थायीकरण की मांग राज्य सरकार से की है. जीटीए के गठन से पहले ये सभी तत्कालीन दाजिर्लिंग गोरखा पार्वत्य परिषद (दागोपाप) में भी अस्थायी कर्मचारी थे.
जीटीए के गठन के बाद जीटीए प्रमुख बिमल गुरूंग ने सत्ता में आते ही अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया था. लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी. इस बीच, बिमल गुरूंग के नेतृत्व वाली पार्टी गोजमुमो तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच मतभेद होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार से अपने संगठन का विस्तार करना शुरू कर दिया. स्वाभाविक तौर पर ही तृणमूल कांग्रेस ने जीटीए के अस्थायी कर्मचारियों पर अपनी आंखें गड़ा दीं. प्राप्त जानकारी के अनुसार जीटीए में अस्थायी कर्मचारियों की संख्या करीब 6 हजार 372 है. तृणमूल कांग्रेस ने हिमालयन कर्मचारी संगठन का गठन कर इन लोगों को इसकी सदस्यता लेने के लिए कहा. तब तृणमूल नेताओं ने कहा था कि जो भी अस्थायी कर्मचारी इस संगठन में शामिल होंगे उनका स्थायीकरण किया जायेगा.
तब काफी संख्या में अस्थायी कर्मचारी गोजमुमो का संगठन छोड़ कर हिमालयन कर्मचारी संगठन में शामिल हो गये. तब से लेकर अब तक डेढ़ वर्ष से भी अधिक का समय बीत गया है, लेकिन इन लोगों को स्थायी करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई. इससे स्वाभाविक तौर पर इन लोगों में रोष है और तृणमूल कांग्रेस से उनका मोहभंग हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस के महासचिव मुकुल राय, जब सिलीगुड़ी आये थे, तब अस्थायी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने उन से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला. अब अस्थायी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप की गुहार लगायी है.
अस्थायी कर्मचारियों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का उनको कोई लाभ नहीं हुआ है. दूर-दराज के क्षेत्र में उन लोगों का ट्रांसफर किया जा रहा है. इसके साथ ही गोजमुमो नेताओं के रोष का भी शिकार होना पड़ रहा है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमालयन कर्मचारी संगठन के कई नेता कोलकाता गये हैं. वहां एक बार फिर इन लोगों की तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल राय से बातचीत होगी. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के पार्वत्य क्षेत्र के अध्यक्ष राजेन मुखिया ने कहा है कि अस्थायी कर्मचारियों के स्थायीकरण की कोशिश राज्य सरकार कर रही है. उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस दिशा में अवश्य कोई न कोई पहल करेगी.