17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत-नेपाल के बीच अवैध आवाजाही पर नियंत्रण जरूरी : बंद्योपाध्याय

सिलीगुड़ी : भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा है और दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे देश में बेरोकटोक आ जा सकते हैं. इसको नियंत्रित करने की जरूरत है. यदि इसे नियंत्रित करें तो महिला एवं बाल तस्करी को भी नियंत्रित किया जा सकता है. यह बातें सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के आईजी श्रीकुमार […]

सिलीगुड़ी : भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा है और दोनों देशों के नागरिक एक दूसरे देश में बेरोकटोक आ जा सकते हैं. इसको नियंत्रित करने की जरूरत है. यदि इसे नियंत्रित करें तो महिला एवं बाल तस्करी को भी नियंत्रित किया जा सकता है. यह बातें सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के आईजी श्रीकुमार बंदोपाध्याय ने कही1 वह सिलीगुड़ी में चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सिनी), एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क तथा डिस्टिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट, दार्जिलिंग की ओर से बाल तस्करी पर रोक लगाने के लिए संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. श्री बंदोपाध्याय ने कहा कि एसएसबी भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी रखती है.
दोनों देशों के बीच आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक नहीं होने के कारण बाल तस्करी रोकने में थोड़ी परेशानी होती है.आने वाले दिनों में इसको नियंत्रित किए जाने की जरूरत है. आवाजाही पर नियंत्रण नहीं होने की वजह से महिला तथा बाल तस्करी के मामले सामने आते हैं. एसएसबी की ओर से जब भी नेपाल के अधिकारियों से बातचीत होती है तो इस मुद्दे को उठाया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सीमा क्षेत्र से नेपाल में बच्चे नहीं के बराबर भेजे जाते हैं.
वास्तविकता यह है कि नेपाल से भारतीय सीमा क्षेत्र में बच्चों की तस्करी की जाती है .इसके पीछे मुख्य कारण नेपाल की गरीबी है. वहां गरीबी के कारण परेशान माता-पिता अपने बच्चों को रोजगार की तलाश में भारत भेजना चाहते हैं. इसी का फायदा तस्कर उठाते हैं .जबकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है . भारतीय सीमा क्षेत्र में एसएसबी की ओर से भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
सीमा पर रहने वाले युवाओं को समय-समय पर रोजगार मूलक प्रशिक्षण की व्यवस्था एसएसबी की ओर से की जाती है. जबकि नेपाल में ऐसी व्यवस्था नहीं है. इस कार्यशाला को नेपाल के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया. सिनी की ओर से यूनिट कोऑर्डिनेटर शेखर साहा ने इस कार्यशाला के संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए कहा कि नेपाल के एनजीओ के प्रतिनिधियों को इसलिए बुलाया गया था कि वह यहां होने वाले कार्यशाला की जानकारी नेपाल सरकार को दे सकें. ताकि नेपाल सरकार बाल तस्करी रोकने के लिए उचित कदम उठाए .इस कार्यशाला में और भी विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें