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आज ट्रेड बंद, सिलीगुड़ी के कारोबारियों ने बनायी दूरी, ऑनलाइन कारोबार में विदेशी निवेश का विरोध जारी
सिलीगुड़ी : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा कल शुक्रवार को आहूत ट्रेड बंद में सिलीगुड़ी के कारोबारी शामिल नहीं होंगे. हालांकि सिलीगुड़ी के कारोबारियों ने इस बंद का नैतिक रूप से समर्थन किया है. बंद का आह्वान ऑनलाइन बिजनेस में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में किया गया है. हाल में गठित सिलीगुड़ी के […]
सिलीगुड़ी : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा कल शुक्रवार को आहूत ट्रेड बंद में सिलीगुड़ी के कारोबारी शामिल नहीं होंगे. हालांकि सिलीगुड़ी के कारोबारियों ने इस बंद का नैतिक रूप से समर्थन किया है. बंद का आह्वान ऑनलाइन बिजनेस में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में किया गया है. हाल में गठित सिलीगुड़ी के सभी कारोबारी संगठनों के संयुक्त फोरम ईस्टर्न एबीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कल के ट्रेड बंद में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है.
संगठन की ओर से इस संबंध में एक प्रेस बयान जारी कर साफ-साफ बता दिया गया है कि सिलीगुड़ी के कारोबारी ऑनलाइन व्यवसाय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते रहेंगे, लेकिन बंद में शामिल नहीं होंगे. हालांकि इस बंद का नैतिक रूप से समर्थन करते हैं. संगठन के कन्वेनर सुरजीत पाल ने इस संबंध में कहा कि ऑनलाइन कारोबार के विस्तार से लोकल रिटेलरो तथा कारोबारियों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
होलसेल कारोबारी भी काफी परेशान हैं.उपर से भारत सरकार ने ऑनलाइन कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दे दी है. इसी के कारण वर्ल्ड मार्ट तथा फ्लिपकार्ट इंडिया एक प्लेटफार्म पर आ रहे हैं. इन दोनों के मिलने से ऑनलाइन कारोबार में और भी अधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इसका सीधा असर होलसेल तथा रिटेल कारोबारियों को झेलना पड़ेगा. श्री पाल ने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि उनका संगठन विदेशी निवेश का पक्षधर नहीं है.
लेकिन वह लोग ऑनलाइन कारोबार में विदेशी निवेश के विरोधी हैं. उद्योग तथा नई तकनीक को बढ़ावा देने के क्षेत्र में विदेशी निवेश का वह स्वागत करते हैं. जिस तरह से ऑनलाइन कारोबार में मारामारी मची हुई है उससे होलसेल तथा छोटे रिटेलरों का कारोबार आने वाले दिनों में पूरी तरह से चौपट हो जाएगा. बंद में शामिल नहीं होने के संबंध में श्री पाल ने कहा कि कल बुधवार को ही बंगाल बंद था. उसमें कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ. सिलीगुड़ी में बंद का पूरा प्रभाव पड़ा और दुकानें बंद थी.
पिछले साल गोरखालैंड आंदोलन के दौरान पहाड़ पर भी 3 महीने से अधिक समय तक बंद रहा. जिसकी वजह से सिलीगुड़ी का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. पूजा के मौसम में सिलीगुड़ी के कारोबारी एक और बंद में शामिल नहीं होना चाहते. हालांकि जिस मुद्दे को लेकर ट्रेड बंद का आह्वान किया गया है उसका वह लोग नैतिक रूप से समर्थन करते हैं.
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