दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के पोखरेबुंग स्थित मलाट में ऑल इंडिया याल्मो एसोसिएशन की वार्षिक सभा सोमवार को आयोजित की गयी. वार्षिक सभा की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष दावा छिरिंग याल्मो ने की. सभा के माध्यम से एसोसिएशन ने दावा किया कि याल्मो और कोई नहीं, बल्कि भूटिया समुदाय का ही अंग है. आयोजित वार्षिक सभा में एसोसिएशन के महासचिव वाग्दी याल्मो, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पी याल्मो आदि भी उपस्थित थे. इसके साथ ही दार्जिलिंग, घूम, लामाहट्टा, आलूबाड़ी, ताकदा, जंगल बस्ती, तराई-डुआर्स आदि क्षेत्रों से एसोसिएशन के नेतृत्वगण और सदस्य उपस्थित थे. सभा के आरंभ में बौद्ध पुरोहित लामा के मंत्रोचारण के साथ ही अध्यक्ष दावा छीरिंग याल्मो ने दीप प्रज्जवलित किया.
सभा को सम्बोधित करते हुये महासचिव वाग्दी याल्मो ने कहा कि याल्मो समुदाय और कोई नहीं, बल्कि भूटिया समुदाय ही है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले कुछ साल पहले भूटिया समुदायों की सांस्कृति, परम्परा, रीति-रिवाज और विकास के लिये पश्चिम बंगाल भूटिया कल्चलर डेवलपमेंट का गठन किया था. भूटिया डेवलपमेंट बोर्ड ने याल्मो समुदाय के गरीब परिवारों के लिए घर का निर्माण करते आ रही है.
अभी तक 170 से अधिक याल्मो परिवार के लिए घरों का निर्माण कर चुका है. इसके साथ ही मलाट क्षेत्र के याल्मो परिवारों को गांव-घरों में कार्यक्रम करने पर काफी समस्या होती थी. इसे देखते हुए भूटिया डेवलपमेंट बोर्ड ने याल्मो सार्वजनिक भवन का निर्माण कर दिया है. आल इंडिया याल्मो एसोसिएशन की सभा इसी भवन में हुई.
श्री वाग्दी ने आगे कहा कि आल इंडिया याल्मो एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल भूटिया डेवलपेंट बोर्ड के काम-काज पर प्रसन्नता व्यक्त किया. याल्मो ने एसोसिएशन की वार्षिक रिपोर्ट भी पेश की. सभा में याल्मो समुदाय अपने जातीय भेश-भूषा में थे. इस अवसर पर अध्यक्ष दावा छीरिंग याल्मो ने उपस्थित भीड़ से कहा कि आज मुझे हमारी महान पर्व लोसार का स्मरण हो रहा है.
हमलोगों ने इसी तरह से अपनी सांस्कृति व परम्परा की सुरक्षा करनी होगी. कार्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया था, जिसमें पहला कार्यक्रम वार्षिक सभा और दूसरा सांस्कृतिक कार्यक्रम था. आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल भूटिया कल्चलर डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पाल्देन भूटिया उपस्थित थे. अन्य अतिथियों में चाय बागान के प्रबंधक संजीव गुरूंग उपस्थित थे. इस अवसर पर याल्मो कलाकारों ने याल्मो नृत्य और गीतों की प्रस्तुति की.