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डीएल नहीं दिखा पाने पर पुलिस ने बुरी तरह पीटा
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के सरकारी चालक को बुरी तरह से पीटने का आरोप सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस पर लगा है. आरोपी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने की है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी मामले को गंभीरता से लिया है. घटना की शिकायत […]
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के सरकारी चालक को बुरी तरह से पीटने का आरोप सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस पर लगा है. आरोपी पुलिस कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने की है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी मामले को गंभीरता से लिया है. घटना की शिकायत दार्जिलिंग जिला शासक, सिलीगुड़ी महकमा शासक, सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर, उप निदेशक यातायात विभाग से की गयी है. पीड़ित चालक का इलाज मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में चल रहा है.
पीड़ित रवींद्रनाथ राय मेडिकल कॉलेज का सरकारी वाहन चलाता है. जानकारी के अनुसार, बीते सोमवार की रात वह उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के एक अध्यापक को उनके घर छोड़ने के लिए शिवमंदिर गया था. लौटते समय शिवमंदिर ट्राफिक प्वाइंट पर एक पुलिस कर्मचारी से हाथ दिखाकर गाड़ी रोका. और कागजात की मांग की.
रवींद्रनाथ राय अपना ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिखा पाया. इसी बात पर पुलिस कर्मचारी उसे पीटना शुरू कर दिया. आरोप है कि बूट से उसके पैर पर मारा गया है, साथ ही थप्पड़ व घूसा से भी मारा गया है. इसके अतिरिक्त पुलिस ने मेडिकल कॉलेज का वाहन भी जब्त कर लिया है. जानकारी मिलने पर चालक को शिवमंदिर से मेडिकल कॉलेज लाकर उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
इस घटना के खिलाफ उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के सरकारी कर्मचारियों ने मंगलवार की सुबह अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर पीटनेवाले पुलिस कर्मचारी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. सरकारी कर्मचारियों ने एक दिन के भीतर पुलिस कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. अन्यथा अनिश्चतकाल तक काम ठप करने की चेतावनी दी है.
सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि गलती किसी से भी हो सकती है. लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिखा पाने पर किसी पुलिस कर्मचारी या अधिकारी को पीटने का लाइसेंस नहीं मिलता है. कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत कार्रवाई होनी चाहिए थी.
इस संबंध में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ कौशिक समाजदार ने बताया कि चालक उस समय अपना लाइसेंस नहीं दिखा पाया. इसके लिए पुलिस कर्मचारी ने फोन तक नहीं करने दिया. उन्होंने कहा कि वैसे भी वाहन सरकारी था. पुलिस को एनबीएमसीएच प्रबंधन के साथ संपर्क करना चाहिए था. लेकिन उसे बुरी तरह से पीटा गया है. सरकारी हो या गैरसरकारी, किसी को एक पुलिस कर्मचारी का इस तरह पीटना उचित नहीं. घटना की शिकायत जिला शासक, महकमा शासक, पुलिस कमिश्नर से की गयी है.
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