रोटी बैंक के सदस्यों ने शुरू की इलाज के लिए पहल
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बेटी की आंख के इलाज के लिए भटक रहा बेबश पिता
रोटी बैंक के सदस्यों ने शुरू की इलाज के लिए पहल परिजनों ने कहा, जल्द ट्यूमर नहीं निकाला गया तो बचना मुश्किल मालदा : नाबालिग बेटी के आंख के इलाज के लिए गरीब परिवार मारा-मारा फिर रहा है. लड़की की आंख में ट्यूमर है. परिवार का कहना है कि अगर ट्यूमर नहीं निकाला गया, तो […]
परिजनों ने कहा, जल्द ट्यूमर नहीं निकाला गया तो बचना मुश्किल
मालदा : नाबालिग बेटी के आंख के इलाज के लिए गरीब परिवार मारा-मारा फिर रहा है. लड़की की आंख में ट्यूमर है. परिवार का कहना है कि अगर ट्यूमर नहीं निकाला गया, तो उसे बचाया नहीं जा सकेगा. अब उसके इलाज के लिए हरिश्चन्द्रपुर का रोटी बैंक सामने आया है. नेपाल ले जाकर इस संस्था के सदस्य उसका इलाज कराने की सोच रहे हैं.
हरिश्चन्द्रपुर थाना के अस्पताल मोड़ के मारवाड़ी पाड़ा इलाके में गत 17 जून को गरीब लोगों के लिए रोटी बैंक की शुरूआत हुई थी. इस संस्था के जरिये गरीब लोगों को प्रतिदिन रोटी-सब्जी उपलब्ध करायी जाती है. रोटी बैंक के संचालकों ने अब बीमार बच्ची की मदद करने का भी फैसला किया है. संस्था के मुख्य सलाहकार तनुज जैन ने बताया कि हरिश्चन्द्रपुर के हाईस्कूल पाड़ा इलाके के निवासी अरिकुल शेख की इकलौती बेटी मस्कारा खातून (11) आंख की समस्या से पीड़ित है. उसकी बांयी आंख से दिखना बंद हो चुका है. ट्यूमर के कारण आइबॉल बाहर आ गई है. बालिका के परिजनों ने उसके इलाज के लिए हमारी संस्था से अनुरोध किया है. हमलोगों ने इसकी पूरी जिम्मेदारी ली है. जल्द ही उसे नेपाल के अस्पताल ले जाया जायेगा.
पिता अरिकुल शेख ने बताया कि छोटी उम्र में ही उनकी बेटी को पॉक्स (चेचक) हुआ था. इसके बाद से ही उसकी बांयी आंख में समस्या शुरू हुई. उसके इलाज में घर का सब सामान बिक गया, लेकिन आंख ठीक नहीं हुई. रोटी बैंक उनकी सहायता के लिए आगे आया है. इसके लिए वह आभारी हैं. रोटी बैंक के तनुज जैन ने बताया कि फिलहाल 20 हजार रुपये की व्यवस्था हो गई है. शनिवार को उसे लेकर हमलोग नेपाल जा रहे हैं. वहां डॉक्टर जैसी सलाह देंगे उसी के हिसाब से आगे इलाज होगा.
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