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भू-माफिया के खिलाफ पुलिस अभियान ने पकड़ा जोर

सिलीगुड़ी : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने भूमाफिया के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. थानों में दर्ज जमीन दखल के मामलों को पुलिस कुरेद रही है. इस दौरान कुछ नये मामले भी सामने आ रहे हैं. शहर से सटे देवीडांगा इलाके में फिर से एक जमीन दखल […]

सिलीगुड़ी : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने भूमाफिया के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. थानों में दर्ज जमीन दखल के मामलों को पुलिस कुरेद रही है. इस दौरान कुछ नये मामले भी सामने आ रहे हैं. शहर से सटे देवीडांगा इलाके में फिर से एक जमीन दखल का मामला सामने आ रहा है. इमारते खड़ी करने वाली एक कंपनी पर नदी के बांध पर कब्जा कर बाउंडरी वाल बनाने का आरोप लगा है. सिलीगुड़ी महकमा प्रशासन ने मामले की पूरी छानबीन करने का आश्वासन दिया है.
सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में भूमाफियाओं का आतंक काफी बढ़ गया है. आरोप है कि भूमाफिया के साथ राज्य की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं व शहर के कई बिल्डरों का नाम भी जुड़ा है. भूमाफिया से जुड़े होने के कारण ही बीते पंचायत चुनाव में डाबग्राम-फूलबाड़ी इलाके में तृणमूल को खामियाजा भुगतना पड़ा है.
पंचायत चुनाव के नतीजे व पार्टी की गतिविधि को देखकर ही मुख्यमंत्री सह तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भूमाफिया पर नकेल कसने का निर्देश प्रशासन को दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश से भूमाफिया के चंगुल में फंसी जमीन को वापस पाने की आस लोगों में जगी है. वहीं सरकारी जमीन दखल के भी कई मामले हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस एक रणनीति के तहत भूमाफिया के खिलाफ अभियान चला रही है और मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन हो रहा है.
पिछले पांच दिनों में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने भूमाफिया से जुड़े करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन अभी तक भूमाफिया गिरोह की बड़ी मछली पुलिस के पकड़ से बाहर है. भूमाफिया के खिलाफ पुलिस का अभियान तेज होता देखकर राजनीतिक पार्टियों के दिगज्ज नेताओं का अपने शागिर्दों को बचाने के लिए पुलिस थानों में आना-जाना भी शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री के निर्देश के सामने पुलिस भी हाथ खड़े कर रही है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहीद दिवस में शामिल होने के बहाने भूमाफिया से जुड़े कई नामचीन लोगों ने फिलहाल कोलकाता व आस-पास डेरा जमा लिया है. कई तो अग्रिम जमानत लेकर भी छिपते फिर रहे हैं. जबकि कुछ अपनी गाड़ी व घर छोड़कर पुलिस की आंखो में धूल झोंक रहे हैं.
इधर सरकारी जमीन दखल का एक और मामला सामने आया है. सिलीगुड़ी नगर निगम के 46 नंबर वार्ड की सीमा देवीडांगा-2 नंबर ब्रिज के पास महेशमारी नदी के किनारे ढाई बीघा से अधिक की एक जमीन है. इस जमीन को सिलीगुड़ी के एक बिल्डर कंपनी ने खरीदा है. आरोप है कि कंपनी ने जमीन को घेरने के लिए बाउंडरी वाल बनवाने के क्रम में नदी की जमीन को भी अपने में मिला लिया है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इससे पहले जमीन तक जाने के लिए एक ब्रिज बनाने की भी कवायद की गयी थी. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से ब्रिज का निर्माण बाधित रहा. हांलाकि इस प्लॉट के बाद वाली जमीन पर जाने के लिए पक्का ब्रिज बना हुआ है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि नदी की जमीन को घेरकर बिल्डर कंपनी ने तीन से चार कट्ठा जमीन पर कब्जा कर लिया है.
जबकि जमीन मालिक ने बताया कि एक नहीं कई बार नक्शे के हिसाब से नापी करवा कर बाउंडरी दी गयी है. कहीं भी नदी या सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं किया गया है. कागजात पर जितनी जमीन है, सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में नापी करवा कर बाउंडरी दी गयी है. इस संबंध में सिलीगुड़ी महकमा शासक सिराज दानेश्वर ने बताया कि पहले जमीन का मुआयना करेगें. जमीन के कागजात, नक्शा व निर्माण कार्य देखने के बाद मामले की तफ्तीश करेगें. किसी भी सूरत में नदी या सरकारी जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

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