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नगर निगम: नहीं थम रहा हाउसिंग फॉर ऑल परियोजना में विवाद

सिलीगुड़ी : केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना हाउसिंग फॉर ऑल को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम में उठे विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. परियोजना में कथित घोटाले को लेकर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों व वाम बोर्ड की नाटकीय मंचन बीते सप्ताह भर से जा रही है. विरोधी […]

सिलीगुड़ी : केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना हाउसिंग फॉर ऑल को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम में उठे विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा. परियोजना में कथित घोटाले को लेकर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों व वाम बोर्ड की नाटकीय मंचन बीते सप्ताह भर से जा रही है.
विरोधी दल के तृणमूल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा दा ने एकबार फिर परियोजना में घोटाले का आरोप लगाकर मेयर अशोक भट्टाचार्य और वाम बोर्ड पर सवाल उठाया है. राणा दा ने सोमवार को निगम के प्रशासनिक भवन के अपने दफ्तर में प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने कहा कि निगम के सभी 47 वार्डों के ऐसे 29 हजार जरुरतमंद परिवार को चिह्नित किया गया है जिन्हें पक्का घर या फिर पहले से बने मकान पर ढलायी छत की जरुरत है.
परियोजना के तहत चिह्नित किये गये प्रत्येक परिवार को पक्का मकान निर्माण करने या फिर छत ढलायी के लिए 3.33 लाख रुपये केंद्र से ही सीधे आवेदक के बैंक एकाउंट में जमा हो जायेगा. यह लाभ लेने के लिए आवेदक को पहले अपने एकाउंट में 35 हजार रुपये जमा करना होगा. कुल 3.68 लाख रुपये का लाभ आवेदक को तीन चरणों में मिलेगा. पहले चरण के तहत आवेदक के एकाउंट में 60 हजार रुपये जमा होना तय है. राणा दा का कहना है कि कुल 29 हजार परिवार में से 2000 परिवार को पहले चरण के तहत यह सुविधा मिलना तय है. इसमें 252 परिवार सूची से बाहर के हैं.
इनमें से 141 परिवार के बैंक एकाउंट में पहले चरण के तहत 60 हजार रुपये जमा भी हो चुके हैं. राणा दा ने वाम बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बोर्ड के संबंधित विभाग के मेयर परिषद सदस्य समेत अन्य वाम पार्षद गरीब परिवारों से रुपये ऐंठ कर यह घोटाला कर रहे हैं. इस पर तत्काल लगाम नहीं लगाया गया तो निगम में बड़ा आर्थिक घोटाला उजागर होगा. इस कथित घोटाले की निष्पक्ष जांच करने और चिह्नित जरुरतमंद परिवार को ही छत दिये जाने को लेकर मुख्यमंत्री (सीएम) ममता बनर्जी के अलावा संबंधित मंत्रालय नगर विकास मंत्रालय से शिकायत भी की गयी है.
राणा दा ने मेयर समेत वाम बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चिह्नित किये गये जरुरतमंद परिवार को छत नहीं मिलता है तो तृणमूल द्वारा जोरदार आंदोलन किया जायेगा. प्रेस-वार्ता के दौरान दो नंबर बोरो कमेटी के चेयरमैन प्रदीप गोयल उर्फ कालू, पांच नंबर वार्ड की पार्षद दुर्गा सिंह, 12 नंबर वार्ड के पार्षद नांटू पाल, 13 नंबर वार्ड के पार्षद मानिक दे, 40 नंबर वार्ड के सत्यजीत अधिकारी उर्फ भाईजान व अन्य पार्षदों ने भी इस घोटाले पर मीडिया को अपने-अपने वार्डों की विस्तृत जानकारी दी.
गंदी राजनीति कर रही तृणमूल : अशोक भट्टाचार्य
मेयर अशोक भट्टाचार्य ने तृणमूल को तेवर दिखाते हुए पलटवार किया. उनका साफ कहना है कि विरोधी दल के तृणमूल नेता राणा दा और उनके साथी पार्षद षडयंत्र के तहत निगम क्षेत्र में हाउसिंग फॉर ऑल परियोजना को बंद कराना चाहते हैं और गंदी राजनीति कर रहे हैं. श्री भट्टाचार्य का कहना है कि इस परियोजना में कोई घोटाला नहीं हुई है. पहले चरण में कुछ ऐसे परिवार का नाम सूची में शामिल हुआ है जिन्हें दूसरे या तीसरे चरण में मिलना तय था.
पहले चरण के लिए जारी सूची में 2000 परिवार को शामिल किया गया था. इनमें से चिह्नित 1200 परिवार के नामों की तालिका में तकनीकि कारणों से भूल हुई है. यह भूल संबंधित विभाग के अधिकारी से हुई है. भूल क्यों हुई इसके लिए अधिकारियों की टीम गठित की गयी है. जांच रिपोर्ट आने तक संबंधित अधिकारी को बैठा भी दिया गया है. श्री भट्टाचार्य ने उल्टे तृणमूल पार्षदों पर ही नामों की सूची में हेरफेर करने का आरोप लगाया है.
उनका कहना है कि पहले चरण में बाद दिये गये नामों में अधिकांश 80 फिसदी तृणमूल वार्ड के ही हैं. नामों की तालिका वार्ड पार्षद द्वारा ही किया जाता है. श्री भट्टाचार्य ने भी तृणमूल को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनके रहते गरीबों का हक किसी को छिनने नहीं देंगे.

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