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सिलीगुड़ी की समस्या पर भी मंथन करें सीएम
सिलीगुड़ी : वर्ष के दूसरे पहाड़ दौरे पर पहुंचते ही सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह सिलीगुड़ी के माकपा विधायक मेयर अशोक भट्टाचार्य ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रश्नों के तीर छोड़े. वहीं दूसरी तरफ जिलों की प्रशासनिक बैठक व क्रिया-कलापों की समीक्षा बैठक को सराहा भी है. हांलाकि उन्होंने राजनीतिक कारणों से […]
सिलीगुड़ी : वर्ष के दूसरे पहाड़ दौरे पर पहुंचते ही सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर सह सिलीगुड़ी के माकपा विधायक मेयर अशोक भट्टाचार्य ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रश्नों के तीर छोड़े. वहीं दूसरी तरफ जिलों की प्रशासनिक बैठक व क्रिया-कलापों की समीक्षा बैठक को सराहा भी है. हांलाकि उन्होंने राजनीतिक कारणों से से सिलीगुड़ी की उपेक्षा करने का आरोप भी मुख्यमंत्री पर लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर सिलीगुड़ी नगर निगम व सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके की समस्याओं के निदान को लेकर समीक्षा बैठक बुलाने की मांग की है.
सोमवार से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पांच दिवसीय पहाड़ दौरे पर पहुंची है. उनके पहुंचने से पहले ही सिलीगुड़ी के माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की वर्तमान तृणमूल सरकार ने सिलीगुड़ी को बंगाल के मैप से बाहर निकाल दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशासनिक बैठक व समीक्षा बैठक को सराहनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले को लेकर मुख्यमंत्री स्वयं प्रशासनिक बैठक करती हैं. अन्य विकास प्राधिकरण व बोर्ड की समीक्षा बैठक भी करती हैं. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम व सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके की समस्या उनके एजेंडे में ही नहीं है.
मुख्यमंत्री के इस दौरे का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी को इस कदर राज्य के मैप से बाहर निकाल दिया है कि केंद्रीय परियोजनाओं के लिए भी राज्य सरकार इसे प्रस्तावित नहीं करती है. केंद्र ने हाउसिंग फॉर ऑल योजना के तहत सिलीगुड़ी के लिए 12 करोड़ रूपया राज्य सरकार को आवंटित कर दिया है. उसके दो वर्ष बाद भी केंद्र व राज्य को मिलाकर इस योजना के तहत सिलीगुड़ी को मात्र 6 करोड़ रूपये ही मिले हैं. आमरूत योजना में भी अभी तक सिर्फ 29 लाख रूपया ही मिले. श्री भट्टाचार्य ने आगे बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम के अतिरिक्त 14 वार्ड व सिलीगुड़ी महकमा परिषद के विभिन्न ग्रामीण इलाको में पेयजल की काफी समस्या है. पिछले सात वर्ष में राज्य सरकार ने महानंदा एक्शन प्लान तो दूर पेयजल की समस्या मिटाने की पहल तक नहीं की.
प्रदूषण नियंत्रित करने का दावा
अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी में प्रदूषण की मात्रा नियंत्रित होने का भी दावा किया है. उन्होंने कहा कि शहर में प्रदूषण वाम बोर्ड की वजह से नहीं बल्कि गाड़ी, प्लास्टिक व थर्मोकोल व अन्य विभिन्न कारणों की वजह से है. बल्कि वर्तमान में सिलीगुड़ी का प्रदूषण स्तर नियंत्रित है. वर्तमान में पूरा देश ही प्रदूषित है. सिलीगुड़ी को प्लास्टिक मुक्त बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह अभियान भी सबसे पहले सिलीगुड़ी नगर निगम ने शुरू किया है. नगरपालिका कानून में दर्ज होने के बाद भी राज्य की किसी भी नगरपालिका ने अपने इलाके को प्लास्टिक मुक्त बनाने की पहल नहीं की है. बल्कि सिलीगुड़ी के आस-पास जलपाईगुड़ी, डुआर्स व राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्लास्टिक व्यवहार होने की वजह से बड़ी आसानी से प्लास्टिक कैरी बैग सिलीगुड़ी में प्रवेश हो रहा है. प्लास्टिक कैरी बैग पर नियंत्रण करने के लिए सबसे पहले राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए.
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