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अभी भी डरे हुए हैं चोपड़ा के काठगां के लोग

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव. जिलों में सत्ताधारी दल व विरोधियों के बीच हिंसक झड़प जारी दनादन चली गोलियों के कारण दहशत तीन घायलों को इलाज के लिए सिलीगुड़ी लाया गया मेडिकल कॉलेज में हो रही है सभी की चिकित्सा सिलीगुड़ी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतगणना के बाद भी खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले […]

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव. जिलों में सत्ताधारी दल व विरोधियों के बीच हिंसक झड़प जारी
दनादन चली गोलियों के कारण दहशत
तीन घायलों को इलाज के लिए सिलीगुड़ी लाया गया
मेडिकल कॉलेज में हो रही है सभी की चिकित्सा
सिलीगुड़ी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतगणना के बाद भी खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा. राज्य के प्राय: सभी जिलों में सत्ताधारी दल (तृणमूल कांग्रेस) और विरोधियों के बीच हिंसक हमला व गोलाबारी लगातार जारी है.
अधिकांश पार्टियों के उम्मीदवार हार से बौखला कर इस तरह के हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसी ही एक घटना में ग्राम पंचायत के चुनाव में मात्र 20 वोट से हार जाने की पुष्टि होने के बाद बौखलाये सत्ताधारी दल के उम्मीदवार ने अपने गांव के बाजार में ही दनादन गोलियां चलवा कर पूरे गांव में दहशत फैला दिया. यह हिंसक वारदात उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा प्रखंड के लखीपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत काठगां गांव की है. गुरुवार की शाम पांच बजे अचानक गोलियों की दनादन आवाज से पूरा गांव कांप उठा और पूरे गांव में भगदड़ मच गयी. गोली लगने से तीन ग्रामीण राकिब आलम (17), मकसूद आलम (22) व चांद अली (35) गंभीर रुप से जख्मी होने और दर्जनों ग्रामीणों के आंशिक रुप से जख्मी होने की खबर है.
गोली लगे तीनों ग्रामीणों को खून से लथपथ अवस्था में चोपड़ा स्वास्थ्य केंद्र से रात में ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. जहां तीनों की हालत गंभीर बनी हुई है. राकिब के बायें पैर के घूटने के पीछे गोली लगी. मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन कर के गोली निकाली गयी है. चांद अली के पीठ के बांये हिस्से में गोली लगी और छाती चीर कर निकल गयी. वहीं, मकसूद आलम के बायें हाथ में गोली लगी और बाहर निकल गयी. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का कहना है कि तीनों अब खतरे से बाहर हैं.
क्या कहना है पुलिस इंस्पेक्टर का
काठगां गोलीबाड़ी कांड को लेकर चोपड़ा थाना के इंस्पेक्टर पार्थ सारथी मजुमदार का साफ कहना है ‘गांव में गोली चलने और तीन ग्रामीणों के जख्मी होने की फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है. शाम को सूचना मिलते ही भारी पुलिस फोर्स के साथ गांव में जाकर तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित किया गया. तोड़-फोड़ के अलावा किसी ने भी गोली चलने का बयान पुलिस को नहीं दिया है और न ही अभी तक किसी ने भी अपने परिजनों के गोली लगने की शिकायत दर्ज करायी है. गांव में पुलिस को मुश्तैद कर दिया गया है और गश्ती भी बढ़ा दी गयी है. हरेक गतिविधि पर बराबर नजर रखी जा रही है.’
क्या है पूरा घटनाक्रम
प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार जैसे ही तृणमूल उम्मीदवार सह भूतपूर्व उप प्रधान मोहम्माद रज्जाक के निर्दल उम्मीदवार मोहम्मद आबुल से मात्र 20 वोट से हार जाने की घोषणा हुई, रज्जाक बौखला उठा और वह अपने दो मंजिलें मकान से सटे नयाहाट बाजार में दनादन गोलियां दागने लगा. इस गोलीबारी के बाद बाजार समेत पूरे गांव में खलबली मच गयी. साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद आबुल समेत उसके एक अन्य साथी के मकान को भी तहस-नहस कर दिया गया.
विरोधी समर्थकों को गांव से खदेड़ दिया गया है. गोलीबारी के दौरान बाजार में रोजा की खरीदारी के लिए काफी भीड़-भाड़ थी. वहीं, निर्दल उम्मीदवार मोहम्मद आबुल भी मतगणना को लेकर अपने समर्थकों के साथ चोपड़ा में थे. सूचना पाते ही चोपड़ा थाना के इंस्पेक्टर व इस्लामपुर कोर्ट इंस्पेक्टर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और गांव के बिगड़े हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया.
दहशत में पूरा गांव
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इलाजरत तीनों ग्रामीणों के परिजन नूर मोहम्मद, खैबर अली, मोहम्मद सैबूल का कहना है कि इस गोलबारी के बाद से पूरा गांव दहशत में है. कल रमजान महीने में पहला रोजा था. शाम को रोजा की खरीदारी के लिए नयाहाट बाजार में लोगों की भारी भीड़ थी. उसी दौरान यह घटना हो गयी. नूर मोहम्मद का कहना है कि हम लोगों का किसी भी राजनैतिक पार्टी से कोई सीधा नाता नहीं हैं. हम खेतीबाड़ी व दिन मजदूरी करके अपना संसार चलाते हैं.
उन्होंने बताया कि गोलाबारी में जख्मी उसका भाई मकसूद आलम दिल्ली में प्लास्टिक फैक्ट्री में मजदूरी करता है. इलाजरत मकसूद का कहना है कि वह बाजार में रोजा की खरीदारी कर रहा था तभी पू्र्व उप प्रधान मोहम्मद रज्जाक के मकान से बाजार में ताबड़-तोड़ गोलियां दागी जाने लगी. वह कुछ समझ पाता और मौके से भागता तभी उसके बायें हाथ के एक हिस्से को चीरती हुई गोली निकल गयी. जख्मी राकिब आलम के भाई वाहिदुल आलम का कहना है कि आज यानी शुक्रवार को भी पूरे गांव में तांडव मचाया जा रहा है.
पूरा गांव में खासकर महिलाएं काफी दहशत में है. महिलाओं को जहां घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा वहीं, खदेड़ दिये गये ग्रामीणों को वापस गांव में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. पुलिस प्रशासन भी गांव में जाने का साहस नहीं कर पा रही. आज भी गांव में तनावपूर्ण स्थिती बनी हुई है.

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