सिलीगुड़ी : कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाखाना के बाद उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित बंगाल सफारी पार्क में स्नेक कॉर्नर बनाने को लेकर विचार-विमर्श शुरू हुआ है. उत्तर बंगाल के सर्प विशेषज्ञ व सर्प प्रेमियों ने बंगाल सफारी पार्क में सर्प पर शोध व सर्प संरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की है. बैकुंठपुर वन विभाग […]
सिलीगुड़ी : कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाखाना के बाद उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित बंगाल सफारी पार्क में स्नेक कॉर्नर बनाने को लेकर विचार-विमर्श शुरू हुआ है. उत्तर बंगाल के सर्प विशेषज्ञ व सर्प प्रेमियों ने बंगाल सफारी पार्क में सर्प पर शोध व सर्प संरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की है.
बैकुंठपुर वन विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू की है. वनमंत्री विनय कृष्ण वर्मन ने इस बारे में सरकार को परामर्श भी दिया है. किंग कोबरा हो या अजगर, सांप से लोगों को डर तो लगता ही है. वहीं उत्तर बंगाल के जंगलों में विषैले सहित विभिन्न प्रजाति के सांप पाये जाते हैं.
रोजाना ही अजगर, कोबरा, गेंहुमन, विशहरा, कालाच, बोरो, धामन आदि सांप बरामद भी किये जाते हैं. लेकिन उत्तर बंगाल में सांपों पर शोध व उसके संरक्षण की अब तक कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि राज्य वन विभाग ने उत्तर बंगाल में एक अलग से स्नेक कॉर्नर बनाने की दिशा में सोचना शुरू किया है.
सर्प विशेषज्ञ भी उत्तर बंगाल में शोध व सर्प संरक्षण केंद्र की मांग कर रहे हैं. कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाखाना में सर्प संरक्षण व विशेषज्ञों के लिए अलग से व्यवस्था है. उत्तर बंगाल के लिए सिलीगुड़ी से सटे सालुगाड़ा स्थित बंगाल सफारी पार्क में एक स्नेक कॉर्नर बनाने को लेकर विचार-विमर्श शुरू हुआ है. स्नेक कॉर्नर के लिए पूरे उत्तर बंगाल में बंगाल सफारी से दूसरा कोई अच्छा स्थान भी नहीं है.
हाथी, हिरण, रॉयल बंगाल टाइगर, हिरण आदि जानवरों को जंगल में पूरी सुविधा के साथ रखा गया है. स्नेक कॉर्नर बनाये जाने से बंगाल सफारी का आकर्षण और बढ़ेगा.
पर्यटकों की भी संख्या बढ़ेगी
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 1999 में चंपरामारी के जंगल में सांपों की गिनती शुरू हुयी थी. उस समय 13 प्रजाति के सांप पाये गये थे. फिर 2005 में जलदापाड़ा के जंगल में 31 प्रजाति के सांप पाये गये थ. जिसमें ग्रीन पीट जैसे सांपों की नई प्रजाति मिली थी. पर्यावरण प्रेमी अनिमेष बसु ने बताया कि उत्तर बंगाल के जंगलों में कितनी प्रजाति के सांप हैं, उसकी समीक्षा आवश्यक है.
सर्प प्रेमी मिंटू चौधरी ने बताया कि स्नेक कॉर्नर में सांप संरक्षण व शोध की व्यवस्था होनी चाहिए. यहां सांपों के विष का संरक्षण कर एन्टीडोड भी तैयार किया जा सकेगा. राज्य के वनमंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने कहा कि बंगाल सफारी पार्क में स्नेक कॉर्नर बनाने के लिए विचार-विमर्श शुरू हुआ है. सरकार को इस बारे में परामर्श भी दिया गया है.
- उत्तर बंगाल के विभिन्न जंगलों में तरह-तरह के सांप पाये जाते हैं
- वर्तमान में सांपों की संख्या और प्रजाति में और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना
- वर्ष 2005 में जलदापाड़ा में पाये गए थे 31 प्रजाति के सांप