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सीमा पर फिर से बढ़ी पत्थर माफियाओं की सक्रियता
मालदा : पुलिस के निर्देशों को अंगूठा दिखाते हुए अभी भी बड़े पैमाने पर बालू पत्थर की तस्करी पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार मालदा के सुस्थानी मोड़ के 34 नंबर राष्ट्रीय सड़क के किनारे बड़े पैमाने पर गिट्टियों को जमा करके रखा गया है. बाद में इसे बांग्लादेश तस्करी […]
मालदा : पुलिस के निर्देशों को अंगूठा दिखाते हुए अभी भी बड़े पैमाने पर बालू पत्थर की तस्करी पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार मालदा के सुस्थानी मोड़ के 34 नंबर राष्ट्रीय सड़क के किनारे बड़े पैमाने पर गिट्टियों को जमा करके रखा गया है. बाद में इसे बांग्लादेश तस्करी की योजना है. गिट्टी-पत्थरों को झारखंड के पाकुड़ से लाकर यहां रखा गया है.
आरोप है कि एक बड़ा माफिया गिरोह इस तस्करी के मामले में सक्रिय है. उल्लेखनीय है कि 3 महीने पहले ही जिला पुलिस अधीक्षक ने इस इलाके में गिट्टी-पत्थर रखने पर रोक लगा दी थी. पुलिस अधीक्षक अर्नब घोष ने तब साफ-साफ कहा था कि यदि कोई यह गिट्टी एवं पत्थरों को जमा रखता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 3 महीने बाद ही पुलिस अधीक्षक के इस निर्देश की उपेक्षा की जा रही है. बालू तथा पत्थर तस्कर माफिया पूरी तरह से इस इलाके में सक्रिय हो गए हैं. पाकुड़ से पत्थरों को लाकर यहां जमा रखा जा रहा है और बाद में इसे बांग्लादेश भेजने की तैयारी की जा रही है.
हालांकि पुलिस अधीक्षक अर्नब घोष ने कहा है कि किसी भी कीमत पर सुस्थानी मोड़ इलाके में पत्थरों की लोडिंग-अनलोडिंग नहीं होने दी जाएगी. उसके बाद भी यदि कोई इस निर्देश का उल्लंघन कर रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यहां बता दें कि मालदा के माधोपुर ग्राम पंचायत इलाके से भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा है. यहीं से माल लेकर दोनों देशों के बीच ट्रकों की आवाजाही होती है. बांग्लादेश में इन दिनों पद्मा नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा है .इसी के लिए बड़े पैमाने पर पत्थरों की आवश्यकता है. भारत से गिट्टी तथा पत्थर वहां भेजे जा रहे हैं. इसी का फायदा पत्थर माफिया उठाने में लगे हुए हैं.
भारतीय नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए यह लोग पत्थर और गिट्टी बांग्लादेश तस्करी में लगे हुए हैं. झारखंड के पाकुड़ से पत्थरों को यहां लाकर रखा जाता है और बाद में सीमापार भेज दिया जाता है. स्थानीय लोग भी इस काम में पत्थर माफिया की मदद कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की भी इस मामले में मिलीभगत है . पत्थरों की तस्करी में मोटा मुनाफा है. इसी कारण से माफिया इस इलाके में सक्रिय हैं. सूत्रों ने बताया कि एक ट्रक में 40 टन पत्थरों की लोडिंग होती है .
भारतीय सीमा क्षेत्र में इसकी कीमत 800 रुपये प्रति टन है .एक तरह से कहें तो 32 हजार रूपये में एक ट्रक गिट्टी ले जाकर बांग्लादेश में 55 से 60 हजार रूपये प्रति ट्रक की दर से इसकी बिक्री होती है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अर्नब घोष ने कहा कि किसी भी कीमत पर पत्थर माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा. वह शीघ्र ही एक बार फिर से उस इलाके में अभियान चलाएंगे.
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