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न नया कर, न पुराने कर में बढ़ोत्तरी
राज्य सरकार पर तीखा प्रहार आर्थिक आवंटन रोकने का आरोप सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम की वाम मोरचा बोर्ड ने साढ़े चार करोड़ रूपये से भी अधिक के घाटे का बजट पेश किया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट के लिए निगम के विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने मेयर क्षमा याचना करने की मांग […]
राज्य सरकार पर तीखा प्रहार
आर्थिक आवंटन रोकने का आरोप
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम की वाम मोरचा बोर्ड ने साढ़े चार करोड़ रूपये से भी अधिक के घाटे का बजट पेश किया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट के लिए निगम के विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने मेयर क्षमा याचना करने की मांग की है. वहीं कांग्रेस ने वाम बोर्ड के इस बजट को काव्य का शीर्षक दिया है.
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कुल 309 करोड़ 46 लाख 69 हजार रूपए का बजट पेश किया है. इस वर्ष निगम की आय 304 करोड़ 86 लाख 15 हजार रूपए होने का प्रस्ताव दिया गया है.
वर्ष 2018-19 के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा प्रस्तावित बजट का प्रारूप श्वेतपत्र जैसा ही है. 29 पेज वाली बजट पुस्तिका में पृष्ठ संख्या 24 तक श्वेतपत्र है. इसमें निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बीते तीन वर्ष में राज्य सरकार द्वारा आर्थिक असहयोग का बही खाता लिखा है. पिछले तीन वर्षों में कितनी परियोजनाएं सरकार को भेजी गयी. उनमें से कितनी परियोजनाओं को स्वीकृति मिली और किस मद में राज्य सरकार ने कितना आर्थिक आवंटन किया है,
इसकी जानकारी दी गयी है.पिछले तीन वर्षों में सिलीगुड़ी नगर निगम का कितना रूपया राज्य सरकार के पास बकाया है, उसकी भी विस्तृत जानकारी बजट में दी गयी है. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बजट पुस्तिका में सिलीगुड़ी नगर निगम व राज्य के अन्य नगरपालिका व निगम की तुलना राज्य सरकार के आर्थिक आवंटन के आधार पर किया है.
इन आंकड़ो को पेश कर मेयर ने एक बात साफ कर दिया है कि सिर्फ वामो के अधीन होने से तृणमूल राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम के विकास की राह में आर्थिक बाधा तैयार कर रही है. वैसे भी तृणमूल कांग्रेस वामो बोर्ड से श्वेतपत्र जारी करने की मांग करती आ रही है. मेयर ने बजट व श्वेतपत्र एक ही साथ जारी कर दिया है.
बजट पेश करने के दौरान मेयर ने बताया कि तृतीय वित्त आयोग के तहत राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम को छोड़कर राज्य के प्रति नगरपालिका को 135.35 करोड़ रूपया आवंटित किया है. साथ ही निगम इलाके में विकास कार्य के लिए 434.52 करोड़, कचरा सफाई के लिए 111.17 करोड़, बस्ती इलाकों में निवास करने वाले गरीब लोगों के गृह निर्माण के मद में 20 करोड़, रोजगार के मद में 179.61 करोड़, आमरूत परियोजना के तहत दो वित्तीय वर्ष में 1104.86 व 1393.69 करोड़ रूपया आवंटित किया है. जबकि सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए मात्र 62 लाख रूपया देने का प्रस्ताव सरकार ने दिया था, लेकिन उसमें से भी अभी सिर्फ 29 लाख रूपया ही मिला है.
इसके अतिरिक्त निगम इलाके में सड़क निर्माण करने के लिए 31 करोड़ की योजना को राज्य सरकार ने अनुमोदन नहीं दिया है. उन्होंने आगे बताया कि रोजगार के मद में राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम को सिर्फ2.61 करोड़ रूपया दिया है. ग्रीन सिटी, स्वच्छ भारत व निर्मल बांग्ला मिशन के तहत सभी नगरपालिका को रूपया आवंटित हुआ है केवल सिलीगुड़ी को नहीं मिला. यहां तक कि हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 16-17 व 17-18 में सिलीगुड़ी के लिए को 247.56 व 520.50 करोड़ रूपया आवंटित कर दिया है. जबकि राज्य सरकार इन रूपयों को भी अटका दिया है.
इसी तरह की अन्य कई परियोजना का रूपया भी राज्य सरकार आवंटित नहीं कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने दार्जिलिंग जिला शासक को भी कटघरे में खड़ा किया है. मेयर ने बजट में कहा है कि सिलीगुड़ी के विकास कार्य की गति को जारी रखने के लिए विभिन्न सांसदो से आर्थिक सहायता ली गयी. सांसदो द्वारा आवंटित फंड जिला शासक कार्यालय तक पहुंचने के बाद भी आधे से ज्यादा पैसा अटका पड़ा है.इधर, मजे की बात यह है कि जहां मेयर अशोक भट्टाचार्य तीन वर्षों से राज्य सरकार पर आर्थिक असहयोग का आरोप लगाते आ रहे हैं वहीं इस बार के बजट में सिलीगुड़ी नगर निगम ने 128 करोड़ रूपया राज्य सरकार के मिलने की उम्मीद भी जतायी है.
वहीं 10 करोड़ रूपया पश्चिम बंगाल नगरपालिका विकास फंड से कर्ज लेने का प्रस्ताव रखा है. जबकि पिछले तीन वर्षों में यहां से एक रूपया भी कर्ज नहीं मिला है. इसके अतिरिक्त अग्रिम विकास योजना के तहत राज्य सरकार के समक्ष 253 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया है.
बजट पेश करने के बाद मेयर ने स्वयं कहा कि राज्य सरकार की आर्थिक बाधा के बावजूद भी सिलीगुड़ी नगर निगम ने जो विकास कार्य किया है. यह बजट उन्हीं कार्यों का परफॉरमेंस रिपोर्ट हैं. उन्होंने प्रस्तावित बजट की दिशा दिखाते हुए बताया कि इस वर्ष 13 करोड़ रूपया अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ती होगी. जिसका 28 प्रतिशत अंश सामाजिक सुरक्षा के तहत भत्ता व गरीबों के विकास में खर्च किया जायेगा.
इस बजट में नागरिकों पर बोझ न बढ़ाते हुए न ही कोई नया कर लगाया गया है और न ही कर में बढ़ोत्तरी की गयी है. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि 28 मार्च को सिलीगुड़ी नगर निगम की एक प्रतिनिधि दल कोलकाता जाकर नगर विकास मंत्री तथा एमए मंत्रालय के मंत्री से मुलाकात कर बकाया राशि की मांग करेगें. हांलाकि राज्य सरकार ने इस बैठक को रद्द कर दिया है.
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