सिलीगुड़ी: वन मंत्री हितेन बर्मन डुवार्स में वन भोज करते है. वन प्राणियों को बचाने के लिए बड़ी -बड़ी परियोजनाओं की घोषणा करते हैं. यह भी कहते हैं कि हाथियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई. इस वर्ष जनवरी,2013 से 30, मई तक डुवार्स के विभिन्न इलाकों से नौ हाथी मारे गये.
एक दशक में हमने 41 हाथियों को खोया. इस विशालकाय जानवर के मरने पर घरियाली आंसू तो बहा दिया जाता है, लेकिन इस हादसे को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती.
न वन विभाग की ओर से न रेलवे की ओर से. गौरतलब है कि बिन्नागुड़ी के मोराघाट रेलवे क्रोसिंग पर महानंदा एक्सप्रेस ने गुरूवार को सुबह चार बजे तीन गजराज को मौत के घाट उतार दिया और एक को घायल किया. इसी स्थान पर सितंबर, 2010 में सात हाथियों की मौत हुई थी. उस समय केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश इस घटना से आहत होकर घटनास्थल पर आये थे. इस घटना के बाद आज भी मंत्री आये, रेल विभाग के पदाधिकारियों ने दौरा किया.
नैफ की ओर ओर से एनजेपी स्थित एडीआरएम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. नैफ के अनिमेष बोस ने बताया कि वन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि रेल के पास दीवार बनाये जायेंगे. जगलों में तार व गड्ढे खोद जायेंगे. डेंजर जोन पार करते ही सीटी बजेगी. लेकिन फिर भी हाथी मारे गये. रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी को हाथियों के संरक्षण के लिए व्यवस्था करनी होगी. एरिया मैनेजर पारथो सारथी सील ने बताया कि इस हादसे से हम भी दुखी है. हम इसके विषय में उच्च अधिकारियों से बात करेंगे.