सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) में लगभग 200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का मामला एक बार फिर गरमा गया है. वाम मोरचा ने इस घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की है. इसे लेकर आज तेंजिंग नोरगे बस स्टैंड स्थित एसजेडीए कार्यालय के बाहर वाम मोरचा ने धरना- प्रदर्शन का आयोजन किया. इस मौके पर वाम मोरचा के काफी समर्थक उपस्थित थे.
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने राज्य की तृणमूल सरकार पर करारा प्रहार किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का आरोप लगाया.
वक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार अपनी एजेंसियों से जांच करा कर इस मामले के सभी आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है. वक्ताओं ने इस कथित घोटाले में तृणमूल के कई शीर्ष नेताओं के जुड़े होने का भी आरोप लगाया. इन लोगों ने कहा कि सिलीगुड़ी के पूर्व पुलिस आयुक्त के. जयरमन इस मामले की जांच ठीक तरह से कर रहे थे.
उनकी जांच में कई तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को फंसते देख कर राज्य सरकार ने उन्हें इस पद से हटा दिया. वक्ताओं ने कहा कि राज्य पुलिस पर उन्हें इस बात का भरोसा नहीं है कि इस मामले की सही जांच होगी. मामले की सही जांच सीबीआइ से ही संभव है. सभी वक्ताओं ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. वक्ताओं ने राज्य के उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव तथा सिलीगुड़ी से तृणमूल कांग्रेस के विधायक रुद्रनाथ भट्टाचार्य पर भी हमला बोला.
इन लोगों का कहना था कि रुद्रनाथ भट्टाचार्य जब एसजेडीए के चेयरमैन थे, तभी इतना बड़ा घोटाला हुआ. बगैर उनकी जानकारी के इतने बड़े पैमाने पर घोटाला संभव नहीं है, लेकिन राज्य सरकार रुद्रनाथ भट्टाचार्य को बचा रही है. उन्हें सिर्फ एसजेडीए के चेयरमैन पद से हटा दिया गया. वक्ताओं ने इस मामले में सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की. इसके साथ ही उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय भी भ्रष्टाचार का आरोप वाम मोरचा के नेताओं ने लगाया. वाम मोरचा के नेताओं ने कहा यदि शीघ्र इस दिशा में उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो आने वाले दिनों में वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. धरना प्रदर्शन को संबोधित करने वाले प्रमुख नेताओं में जीवेश सरकार, उज्ज्वल चौधरी, मुकुल सेनगुप्ता तथा नुरुल इसलाम का नाम उल्लेखनीय है.