मार्च के प्रथम सप्ताह तक मुख्यमंत्री के पास रिपोर्ट
बंद और बीमार बागानों में रोजगार सृजन का प्रयास
जलपाईगुड़ी : जलपाईगुड़ी केंद्रीय सहकारी बैंक मुख्यमंत्री के निर्देश से डुआर्स के बंद एवं बीमार चाय बागानों की समीक्षा शुरू करने जा रहा है. इस समीक्षा में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स सहकारी बैंकों का सहयोग करेगा. बंद व बीमार चाय बागानों में सहकारी बैंकों के माध्यम से स्वनिर्भर समूह गठन कर बागान के कच्चे पत्तों की बिक्री करने से लेकर कई अन्य रोजगार योजनाओं के लिए न्यूनतम ब्याज पर ऋ ण मुहैया
करवायेगा. मार्च महीने के प्रथम सप्ताह तक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री के पास जमा की जायेगी. बैंक के चेयरमैन व ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स कमिटी के सदस्य विधायक सौरभ चक्रवर्ती ने यह जानकारी दी. हालांकि राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि आगामी पंचायत चुनाव में इलाके में पार्टी की पकड़ और मजबूत करने के लिए ही चाय बागान इलाके में समीक्षा करवायी जा रही है.
गुरुवार को कोलकाता में चाय व पटसन उद्योग के लिए बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक से बैंक के चेयरमैन एवं कमेटी के सदस्यों को समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है. डुआर्स व तराई के बंद एवं बीमार चाय बागानों में कितने श्रमिक हैं, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है. उनमें से कितने लोग दूसरे राज्यों में काम करने गये है. उनका पता लगाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही चाय बागानों में कौन-कौन सी सरकारी सुविधा मिल रही है. बंद चाय बागान के श्रमिकों के आय का अन्य स्रोत क्या है. जो श्रमिक स्वनिर्भर समूह बनाने के लिए राजी है, उनकी सूची भी तैयार करने को कहा गया है.
यह समीक्षा 5 फरवरी के बाद शुरू की जायेगी. उत्तर बंगाल के छोटे चाय बागानों में भी समीक्षा की जायेगी. कमेटी की बैठक में स्वनिर्भर समूहों द्वारा चाय के अलावे दूसरी रोजगार योजनाओं के लिए दो फीसदी ब्याज के दर से सहकारी बैंक द्वारा ऋ ण देने का प्रस्ताव पारित हुआ है. इस काम के लिए इलाके के विधायक, पंचायत समिति के अध्यक्ष, बीडीओ एवं संबंधित सरकारी विभाग से सहयोग लिया जायेगी. श्रमिक यूनियनों से चर्चा कर श्रमिकों को उपस्थित किया जायेगा. श्रमिक परिवारों के जो सदस्य श्रमिक नहीं हैं, उन्हें भी इस स्वनिर्भर समूह में लाकर कम ब्याज पर ऋ ण दिया जायेगा. जलपाईगुड़ी के अलावा दार्जिलिंग एवं अलीपुरद्वार जिलों में भी केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा है. इससे ऋण देनें में काफी सुविधा होगी.
जलपाईगुड़ी की जिला अधिकारी रचना भगत ने बताया कि जिले के कई बंद व बीमार चाय बागानों में स्वनिर्भर समूह बनाकर मशरूम की खेती करने से किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है. हालांकि राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि चाय बागानों में स्वनिर्भर समूह बनाकर श्रमिकों को खुश करना सत्ताधारी पार्टी की एक चाल है, ताकि आगामी पंचायत चुनाव में इलाके में तृणमूल की जीत सुनिश्चित हो सके.