जॉब कार्ड की मदद ग्रामीणों के खाते से रुपये निकाले गये
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करोड़ों रुपये उपप्रधान व डाक अधिकारियों ने हड़पे
जॉब कार्ड की मदद ग्रामीणों के खाते से रुपये निकाले गये कूचबिहार : एक सौ दिन रोजगार योजना (मनरेगा) के लाभुकों के खातों से करोड़ों रुपये हड़प लेने का आरोप तृणमूल संचालित आटियाबाड़ी-2 ग्राम पंचायत के उपप्रधान और स्थानीय डाकघर के अधिकारियों पर लगा है. योजना के लाभुकों ने शनिवार को इस बारे में दिनहाटा […]
कूचबिहार : एक सौ दिन रोजगार योजना (मनरेगा) के लाभुकों के खातों से करोड़ों रुपये हड़प लेने का आरोप तृणमूल संचालित आटियाबाड़ी-2 ग्राम पंचायत के उपप्रधान और स्थानीय डाकघर के अधिकारियों पर लगा है. योजना के लाभुकों ने शनिवार को इस बारे में दिनहाटा थाने में शिकायत दर्ज करायी है. इसमें कहा गया है कि उप-प्रधान ने ग्रामीणों के जॉब कार्ड का इस्तेमाल करके डाकघर के अधिकारियों की मिलीभगत से खातों से पैसे निकाल लिये.
ग्रामीणों का आरोप है कि कई सौ ग्रामीणों के डाकघर खातों से हजार-हजार रुपये निकाल लिया गया है. इस बारे में पंचायत प्रतिनिधियों से शिकायत की गयी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. कुछ दिन पहले इसे लेकर कूचबिहार हेड पोस्ट ऑफिस और दिनहाटा महकमा अधिकारी से भी शिकायत की गयी. एक शिकायतकर्ता रामहरि विश्वास ने बताया कि करीब पांच करोड़ रुपये का घपला किया गया है. ग्रामीणों के जॉब कार्ड का दुरुपयोग कर पंचायत और डाकघर के लोगों ने यह पैसा निकाल लिया. रामहरि विश्वास, लाइजू बीबी और कपीररूद्दीन मियां ने लाभुकों की ओर से दिनहाटा थाने में उप प्रधान, स्थानीय डाकघर के अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है.
ग्रामीणों ने इसमें कहा है कि बहाना बनाकर उनका जॉब कार्ड अटका कर रखा गया था. कई बार मांगने के बाद उन्हें जॉब कार्ड नहीं दिया गया. हाल ही में उन्हें पता चला है कि 100 दिन काम योजना के तहत एक-एक लाभुक के खाते में 30 से 70 हजार रुपये जमा हुए हैं. बाद में फर्जीवाड़ा करके इन खातों में से कुछ-कुछ रकम निकाल ली गयी. इस बारे में खबर फैलते ही लोगों में खलबली मच गयी. उन्होंने इसकी शिकायत कूचबिहार जिला मुख्य डाकघर में की. ग्रामीणों का कहना है कि भ्रष्टाचार के इस मामले के खिलाफ जरूरत पड़ने पर महकमा अधिकारी और जिला अधिकारी के समक्ष धरना भी दिया जायेगा.
इधर, आटियाबाड़ी डाकघर के पोस्टमास्टर बकुल मियां ने बताया कि सबकुछ नियमानुसार हुआ है. ग्राम पंचायत की ओर से प्रमाणित प्रतिलिपि देखकर ही उन्होंने लाभुकों को पैसा दिया है. वहीं इस बारे में उप-प्रधान अब्दुल मन्नान ने कहा कि पूरा मामला बैंक और डाकघर से जुड़ा है. उनकी जिम्मेदारी काम कराने की है. पैसे का भुगतान और निकासी डाकघर का मामला है. इस मामले में जिला डाक विभाग के अधीक्षक राजेश कुमार ने दिनहाटा सर्कल के निरीक्षक को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.
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