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फंड के अभाव में इकोपार्क का निर्माण अधर में

बालूरघाट: आवंटन नहीं मिलने के कारण बालूरघाट के डांगी में इकोपार्क का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. उल्लेखनीय है कि इस पार्क के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन ने जोर-शोर से प्रयास शुरू किया था. सौ दिन रोजगार योजना के तहत चिह्नित इलाके में स्थानीय पंचायत ने नहर बनाने का काम तत्परता से […]

बालूरघाट: आवंटन नहीं मिलने के कारण बालूरघाट के डांगी में इकोपार्क का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. उल्लेखनीय है कि इस पार्क के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन ने जोर-शोर से प्रयास शुरू किया था. सौ दिन रोजगार योजना के तहत चिह्नित इलाके में स्थानीय पंचायत ने नहर बनाने का काम तत्परता से शुरू किया. तत्कालीन जिलाधिकारी के प्रयास से इलाके के निरीक्षण के बाद इकोपार्क बनाने को लेकर पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग से हरी झंडी भी मिली थी. लेकिन इस इकोपार्क योजना के लिए कोई फंड आवंटित नहीं किया गया, जबकि जिले में पर्यटन के विकास को लेकर अन्य चार परियोजनाओं के लिए कई करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसे लेकर स्थानीय पंचायत इलाके के लोगों में निराशा है.


बालूरघाट ब्लॉक अंतर्गत भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के डांगी इलाके में सौ एकड़ से अधिक सरकारी खास जमीन है. वन, खाली मैदान, नहर व जलाशय से भरी इस जगह को टूरिस्ट व पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने सालभर पहले इसे इको पार्क बनाने की योजना बनायी. सौ दिन रोजगार के तहत स्थानीय ग्राम पंचायत की ओर से कैनाल बनायी गयी. इसके अलावा भी कई काम हुए.
पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त दिवेंदु सरकार ने गत 14 जुलाई को दक्षिण दिनाजपुर पहुंचकर इस क्षेत्र का निरीक्षण किया. उनके साथ विभाग के उप सचिव सुदीप्त पोरेल, जिलाधिकारी संजय बसु, भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के निर्माण सहायक अमिताभ चक्रवर्ती सहित अन्य थे. इन अधिकारियों ने प्रस्तावित इकोपार्क इलाके का करीब दो घंटे तक पैदल चलकर व नाव पर सवार होकर निरीक्षण किया. इसके बाद तपन ब्लॉक की कई विकास परियोजनाओं के निरीक्षण के बाद बालूरघाट के जिला प्रशासनिक भवन में एक बैठक की. बैठक में पंचायत व ग्रमीण विकास विभाग के प्रतिनिधियों ने परियोजना को शुरू करने को हरी झंडी दी. साथ ही इन्होंने बताया कि सौ दिन रोजगार योजना के तहत काफी काम हुआ है.

इको पार्क बनाने के लिए और कई कार्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था. करोड़ों रुपये की इस परियोजना में स्थानीय प्रशासन के साथ टूरिज्म व उत्तर बंगाल विकास विभाग के सहयोग की आवश्यकता के बारे में बताया गया. लेकिन इन सब के बावजूद यह परियोजना इसबार आवंटन से वंचित रह गयी. उल्लेखनीय है कि दक्षिण दिनाजपुर जिले में पर्यटन केंद्र बनाने का कार्य सरकारी तौर पर शुरू किया जा रहा है.चार परियोजनाओं के लिए उत्तर बंगाल विकास विभाग से इस बीच करीब नौ करोड़ रुपये का आवंटन मिला है. आवंटित राशि कुमारगंज ब्लॉक के आंगिना पक्षी निवास, अरण्यक पार्क व वनांचल, दोगाछी फॉरेस्ट व कुशमंडी ब्लॉक के आयरा फॉरेस्ट के लिए है. जबकि बालूरघाट के भाटपाड़ा पंचायत इलाके में प्रस्तावित इको पार्क का नाम नहीं है. इसे लेकर इस इलाके में रोष है.

भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के प्रधान लगीन दास ने बताया कि बालूरघाट में संपूर्ण रूप से इको पार्क का माहौल है. पूर्व जिलाधिकारी ने इस संबंध में पहल की थी. इस वजह से पंचायत व ग्रामीण विभाग विभाग के प्रतिनिधि यहां आये थे. इनसे हरा संकेत भी मिला था. सौ दिनी रोजगार के तहत इस दिशा में कुछ काम भी हुआ. लेकिन इतनी बड़ी योजना के लिए काफी रुपयों की आवश्यकता है. इसे लेकर सांसद को अवगत कराया गया था. हाल ही में वर्तमान जिलाधिकारी से भी आवेदन किया गया. लेकिन आवंटन किस वजह से नहीं मिला यह समझ नहीं पा रहा हूं.

जिलाधिकारी शरद कुमार द्विवेदी ने बताया कि जिले में इस तरह के कई परियोजनाएं हैं. कई चरणों में ये काम किए जाएंगे. पहले चरण में कई कार्यों के लिए राशि आवंटित हुई है. बाकी परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा.

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