सिलीगुड़ी: डुआर्स के विभिन्न चाय बागानों में इन दिनों पौधा छांटने की मशीन लायी जा रही है. इसका मकसद श्रमिकों की मजदूरी पर होनेवाला खर्च बचाना है. डुआर्स के विभिन्न चाय श्रमिक संगठनों ने बागान में मशीन लाने का विरोध किया है. बागान मालिकों की इस नयी तरकीब का स्थानीय स्तर पर सभी राजनैतिक दलों ने भी विरोध किया है.
आरएसपी चाय बागान संगठन के केंद्रीय नेता जॉन फिलिप खलको ने कहा कि बागान मालिक श्रमिकों की छंटनी के तरीके ढूंढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि मशीन से पौधों की अच्छी तरह से छंटाई नहीं होती है. इससे चाय की गुणवत्ता घटेगी. श्रमिक जब चाकू की मदद से पौधों को छांटते हैं, तो काम बेहतर ढंग से होता है. श्रमिक का काम मशीन से कराना कभी भी संभव नहीं है.और भी कई चाय श्रमिक यूनियनों ने इस प्रकार से मशीनीकरण का विरोध किया. इनका कहना है कि चाय बागानों में मशीनीकरण से निकट भविष्य में श्रमिक बस्तियों में हाहाकार मचने वाला है.
चाय बागान तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन के केंद्रीय नेता प्रभात मुखर्जी का भी ऐसा ही मानना है. उन्होंने कहा कि भविष्य में बागान मालिक चाय बागानों में मशीन लाकर श्रमिकों की छंटनी करेंगे. उन्होंने इसको लेकर चेतावनी भी दी. उनका कहना है कि ऐसे किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे. ट्रेड यूनियन के साथ बिना किसी चर्चा के चाय बागानों में मशीन लाने नहीं दी जायेगी. इसे लेकर श्रम विभाग से शिकायत की जायेगी. उनसे मशीन के कारण किसी भी श्रमिक की छंटनी नहीं किये जाने की मांग की जायेगी.