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पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल ने चला नया दांव

सिलीगुड़ी. राज्य में पंचायत चुनाव ने दस्तक दे दिया है. वर्तमान में राज्य की प्रमुख विरोधी दल भाजपा ने पंचायत व लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इस बार के चुनाव में तृणमूल के बागी मुकुल राय भाजपा के रथ के नये सारथी होंगे. उत्तर बंगाल में भाजपा के चक्रव्यूह को […]

सिलीगुड़ी. राज्य में पंचायत चुनाव ने दस्तक दे दिया है. वर्तमान में राज्य की प्रमुख विरोधी दल भाजपा ने पंचायत व लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इस बार के चुनाव में तृणमूल के बागी मुकुल राय भाजपा के रथ के नये सारथी होंगे. उत्तर बंगाल में भाजपा के चक्रव्यूह को भेदने के लिए तृणमूल ने एक नया पैंतरा अपनाया है. पार्टी अब चाय बागानों को और अधिक फोकस करने की रणनीति बनाने में लग गयी है. इसी क्रम में वर्षों से बंद पड़े डंकन्स चाय बागान के श्रमिकों के मन में तृणमूल ने एक नयी आस जगा दी है.

गुरूवार को सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के चेयरमैन व अलीपुरद्वार के तृणमूल विधायक सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य सरकार ने डंकन्स चाय बागान के लिए एक परियोजना बनाई है. अपने अगले उत्तर बंगाल दौरे में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस परियोजना की घोषणा करेगीं.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में तृणमूल के सेकेंड मैन समझे जाने वाले मुकुल राय भाजपा में शामिल हुए हैं. भाजपा का दामन थामते ही उन्होंने राज्य की तृणमूल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुजरात चुनाव प्रचार में भी मुकुल राय ने कई रैली व सभाओं को संबोधित कर भाजपा का विश्वास हासिल कर लिया है. राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव व लोकसभा चुनाव में भाजपा मुकुल राय को आगे कर चुनाव लड़ेगी. भाजपा ने भले ही मुकुल राय को कोई पद नहीं दिया हो,लेकिन चुनावों पार्टी उनका पूरा फायदा उठाना चाहती है. मुकुल राय के पास भी दूसरा कोई रास्ता नहीं है. भाजपा ने तो कहें चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया है. गुरूवार को मुकुल राय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, शिवप्रकाश जोशी व भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सिलीगुड़ी पहुंचे हैं. शहर में इनसभी लोगों ने पार्टी की एक उच्चस्तरीय बैठक की. वैसे भी पिछले कई चुनाव में तृणमूल सिलीगुड़ी में पैर नहीं जमा पायी है. उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में भाजपा तृणमूल को कड़ी टक्कर दे रही है. भाजपा का दावा है कि उत्तर बंगाल में उनकी सांगठनिक शक्ति आशा से अधिक बढ़ी है. फिर इस बार तो मुकुल राय भी साथ है.

गुरूवार को सिलीगुड़ी में एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि डंकन्स चाय बागान को फिर से चालू कराने के लिए राज्य सरकार ने एक परियोजना बनाई है. इस योजना में चाय श्रमिकों का खास ख्याल रखा गया है. अपने अगले उत्तर बंगाल दौरे में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस परियोजना की घोषणा करेगी. इससे पहले भी सुश्री बनर्जी ने उत्तर बंगाल के चाय उद्योग के लिए एक सौ करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा कर चुकी है. यहां बता दे कि उत्तर बंगाल का चाय उद्योग बिखरने के कागार पर खड़ा है. बंद हुए चाय बागान खुलने का नाम नहीं ले रहे हैं.

इंडियन टी बोर्ड के बाद भी उत्तर बंगाल के चाय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने राज्य स्तर पर चाय निदेशालय का गठन किया. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव इसके चेयरमैन हैं. लेकिन अब तक चाय उद्योग की दिशा में इस निदेशालय ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है.

पहले भाजपा ने की थी अधिग्रहण की घोषणा

वहीं दूसरी ओर चुनाव प्रचार के दौरान बंद पड़े डंकन्स चाय बागान के अधिग्रहण करने का आश्वासन भाजपा ने दिया था. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया ने इसकी पहल भी की थी. लेकिन किसी कारणवश भाजपा इस आश्वासन को पूरा नहीं कर सकी. हालांकि इस मामले को लेकर तत्कालीन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी सिलीगुड़ी में कई बैठक की. तृणमूल ने भाजपा की इसी दुखती नब्ज पर पैर रख दिया है. हांलाकि डंकन्स के बंद चाय बागान को लेकर कैसी परियोजना या पैकेज है, इसकी कोई जानकारी श्री चक्रवर्ती ने नहीं दी. इस परियोजना का जिक्र कर उत्तर बंगाल के तराई व डुआर्स के चाय श्रमिकों के मन में तृणमूल ने स्थान पाने की पहल की है.

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