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जांच एक, रिपोर्ट अलग-अलग

चिंताजनक स्थिति. प्राइवेट पैथालॉजी लैब फैला रही हैं डेंगू का खौफ सरकारी अस्पतालों में ही एनएस 1 जांच कराने की सलाह सिलीगुड़ी : दो पैथालॉजी लैब की रिपोर्ट अलग-अलग होने से मरीज व डॉक्टर के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. लैब की रिपोर्ट अलग-अलग होने से मरीज भी आतंकित हैं. लैब रिपोर्ट […]

चिंताजनक स्थिति. प्राइवेट पैथालॉजी लैब फैला रही हैं डेंगू का खौफ

सरकारी अस्पतालों में ही एनएस 1 जांच कराने की सलाह
सिलीगुड़ी : दो पैथालॉजी लैब की रिपोर्ट अलग-अलग होने से मरीज व डॉक्टर के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है. लैब की रिपोर्ट अलग-अलग होने से मरीज भी आतंकित हैं. लैब रिपोर्ट अलग-अलग होने की घटना आये दिन घटती है. ऐसे मामले में दार्जिलिंग जिला मुख्य स्वास्थ अधिकारी ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
पहले मरीज की नब्ज पकड़ कर डॉक्टर बीमारी का पता कर इलाज करते थे. वर्तमान में डॉक्टर मरीज को आला लगाना तक पसंद नहीं करते हैं. मरीज से उसकी जुबानी सुन कर पहले कई जांच लिखते हैं. जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज शुरू होता है. यदि जांच रिपोर्ट ही गलत होने लगे तो भला क्या हो. दो लैब की रिपोर्ट अलग-अलग परिणाम बताने लगे तो फिर मरीज का सटीक इलाज कैसे संभव होगा.
वर्तमान में डेंगू ने शहर में काफी आतंक मचाया. तीन महीने में सिलीगुड़ी में 1200 से अधिक डेंगू के मरीज पाये गये हैं. कुछ दिनों पहले तक शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पताल डेंगू व अज्ञात बुखार से पीड़ित मरीजों से भरे पड़े थे. ऐसे में एक ही मरीज की दो लैब का रिपोर्ट अलग-अलग होनेवाले मामले ने खलबली मचा दी है. हाल ही में ऐसी एक घटना के सामने आने से डॉक्टर भी दंग रह गये. हालांकि डॉक्टर ने बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए मरीज के बीमारी के लक्षणों के अनुसार इलाज शुरू किया. मरीज की स्थिति में सुधार भी है.
इलाज कर रहे डॉक्टर का भी सिर चकराया सीएमओएच ने कहा : शिकायत मिली तो होगी जांच
पीड़ित की शारीरिक स्थिति में सुधार
मिली जानकारी के अनुसार उत्पल विश्वास को बुखार ने अपने शिकंजे में लिया. फौरन वह डॉक्टर के पास पहुंचे. डॉक्टर ने उन्हें खून की जांच कराने की सलाह दी. उत्पल विश्वास एनएस-1 की जांच के लिए एक लैब में गये. लैब ने रिपोर्ट में एनएस-1 पॉजेटिव बताया, जबकि डॉक्टर ने डेंगू की संभावना नहीं जतायी थी. संदेह के आधार पर उत्पल विश्वास ने शहर के एक नामी लैब में फिर से जांच करायी. उस लैब ने खून जांच की रिपोर्ट में एनएस-1 को निगेटिव बताया. श्री विश्वास जब दोनों रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे, तो डॉक्टर का सिर भी चकरा गया. इसके बाद डॉक्टर ने उत्पल की बीमारी के लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू किया. वर्तमान में उत्पल विश्वास की शारीरिक स्थिति में सुधार है.
ऐसी किसी घटना की शिकायत उन तक नहीं पहुचीं है, लेकिन ऐसा होने पर लोगों में आतंक फैल जायेगा. शिकायत मिलने पर इसकी जांच करायी जायेगी. दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने नागरिकों को सलाह देते हुए कहा कि एनएस-1 की जांच सरकारी अस्पतालों में करायी जाये.
प्रलय आचार्य, दार्जिलिंग जिला मुख्य स्वास्थ अधिकारी
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