जयपुर. राजस्थान के फ्लोराइड और नाइट्रेट प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है. प्रदेश में जलदाय विभाग की ओर से केंद्र सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत फ्लोराइड और नाइट्रेट प्रभावित गांवों में आरो प्लांट और डी-फ्लोराइडेशन यूनिट लगा कर लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा […]
जयपुर. राजस्थान के फ्लोराइड और नाइट्रेट प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है. प्रदेश में जलदाय विभाग की ओर से केंद्र सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत फ्लोराइड और नाइट्रेट प्रभावित गांवों में आरो प्लांट और डी-फ्लोराइडेशन यूनिट लगा कर लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है.
जलदाय विभाग की ओर से प्रदेश के फ्लोराइड प्रभावित गांवों में तीन चरणों में 3 हजार 152 आरओ प्लांट और 1 हजार 520 डीएफयू स्वीकृत किये गये हैं. विभाग की ओर से अब तक 251 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से प्रदेशभर में 1 हजार 964 आरओ प्लांट चालू कर करीब 15 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.
इसी तरह विभाग की ओर से 61 करोड़ रुपये की लागत से ट्यूबवेलों पर 970 डीएफयू लगा कर 2 लाख से ज्यादा लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश में आरओ और डीएफयू प्लांट लगाने वाली कंपनियां सात साल ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस का कार्य भी करेंगी.
विभाग की ओर से 27 करोड़ 50 लाख की लागत से 645 सोलर पंपसेट लगा कर डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है. केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही ये शॉर्ट टर्म योजनाएं प्रदेश के फ्लोराइड और नाइट्रेट प्रभावित क्षेत्रों में वरदान साबित हो रही हैं.
13 हजार से ज्यादा गांवों व ढाणियों में वाटर एटीएम
जलदाय विभाग की ओर से प्रदेश में 20 पैसे प्रति लीटर की दर से प्रदेश के 13 हजार से ज्यादा गांवों व ढाणियों को वाटर एटीएम के माध्यम से आरओ का स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. जलदाय विभाग की ओर से एनर्जी सेविंग प्रोग्राम के तहत प्रदेश में 1044 सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम भी स्वीकृत किये गये हैं.