नागराकाटा: शनिवार को नागराकाटा में प्रस्तावित जवाहर नवोदय विद्यालय के भवन निर्माण के लिए सरकार द्वारा अधिगृहीत भूमि को लेकर हुए विवाद के विषय में आयोजित बैठक विफल हो गयी है. अगली बैठक नौ नवंबर को बुलायी गयी है. शनिवार को सुबह 11 बजे नागरकाटा बीडीओ कार्यालय में एक विशेष बैठक बुलायी गयी थी. इसमें इलाके के किसानों की ओर से मनोज कार्की डोली ने कहा वे प्रोजेक्ट का विरोध नहीं कर रहे है. लेकिन नागराकाटा का विकास किसानों के हितों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जमीन सरकार की है, यह सभी को मालूम है. लेकिन बीते कई बर्षों से किसान यहां खेती कर अपना परिवार चला रहे हैं. इसलिए जनता के अधिकार की सुरक्षा करते हुए समस्या का समाधान किया जाना चाहिए.
नागराकाटा विधाययक सुकरा मुंडा ने कहा कि अधिग्रहण की गयी 20 एकड जमीन के सरकारी होने के कारण इस पर कोई कुछ नहीं बोल सकता है. केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को लाने के लिए काफी प्रयास किया गया है. यह क्षेत्र आदिवासी बहुत है. आज आदिवासी समाज शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है. आदिवासी समाज के विकास के लिए इस प्रोजेक्ट को यहां लाया गया है. यहां नवोदय विद्यालय निर्माण होने से आगामी दिनों में चाय बगान के विद्यार्थी अच्छी शिक्षा हासिल करने में सक्षम होंगे. इसलिए समस्या को आपसी बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहिए.
बीडीओ सांगे पेमा भूटिया ने कहा कि यह एक सरकारी मामला है. सरकारी जमीन के बदले जमीन देने का झूठा आश्वासन किसानों को वे नहीं दे सकते. जमीन सरकारी होने के कारण किसी को कोई मुवावजा नहीं मिलनेवाला है. किसानों के पास भी जमीन अपना बताने का प्रमाण नहीं है. इसलिए इस विषय पर वे कुछ नहीं बोल पायेंगे. प्रोजेक्ट बनकर तैयार होने के बाद किसी के लिए कुछ व्यवस्था की जा सकती है या नहीं, इस विषय पर चर्चा के बाद आगामी बैठक में बताया जा सकता है.
आदिवासी विकास परिषद उत्तर बंगाल राज्य कमेटी सचिव तेज कुमार टोप्पो ने कहा मुझे इस विषय की जानकारी समाचार पत्र के माध्यम प्राप्त हुई. मैं यहां राज्य के शीर्ष आदिवासी नेता बितरसा तिर्की के निर्देश में आया हूं. नवोदय विद्यालय बन रहा है, इसका हमलोग स्वागत करते हैं. फिर भी किसान कुछ मुआवजा प्राप्त कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार से पत्राचार किया जायेगा.