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नरक कुंड में तब्दील हुआ बागडोगरा का डीआइ फंड हाट

बागडोगरा: बागडोगरा डीआइ फंड हाट क्रेताओं एवं विक्रेताओं के लिए एक नरककुंड के समान है. गंदगी व कचरे से हाट के तमाम नाले बंद हो चुके है. जिससे बारिश के दिनों में यहां कीचड़ व पानी जम जाता है. हाट का शेड भी टूट चुका है. स्थानीय नेता-मंत्री, महकमा एवं जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित […]

बागडोगरा: बागडोगरा डीआइ फंड हाट क्रेताओं एवं विक्रेताओं के लिए एक नरककुंड के समान है. गंदगी व कचरे से हाट के तमाम नाले बंद हो चुके है. जिससे बारिश के दिनों में यहां कीचड़ व पानी जम जाता है. हाट का शेड भी टूट चुका है. स्थानीय नेता-मंत्री, महकमा एवं जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों को मामले की जानकारी दे दी गयी है, लेकिन हाट बनवाने की किसी ने पहल नहीं की.
हाट के सब्जी एवं खासकर मांस- मछली की दुकानों के पास से तो गुजरना ही मुश्किल है. हाट में कचरा फेकने की जगह कम पड़ने पर अब पास के पोस्ट ऑफिस परिसर में हाट का कचरा फेंका जा रहा है. जिससे हाट के साथ अब पोस्ट ऑफिस में भी दुर्गंध के कारण जाना मुश्किल हो गया है. जहां एक ओर पूरे राज्य में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है, वहीं बागडोगरा हाट में कचरा व जमा पानी को निकालने की प्रशासन की कोई तत्परता नहीं देखी जा रही है. इसे लेकर इलाका वासियों में नाराजगी बढ़ रही है. हाट के मछली व मांस विक्रेताओं का कहना है कि उनलोगों का शेड तीन साल पहले टूट गया है. आजतक उसकी मरम्मत नहीं करवायी गयी. कचरे के कारण आने-जाने का रास्ता लगभग बंद हो गया है. कई दुकानदार हाट छोड़कर जा चुके हैं.
क्या कहना है अधिकारियों का
इस मामले पर बागडोगरा हाट की सहकारी तहसिलदार पूनम लामा ने बताया कि इस हाट को लेकर कई समस्याएं है. यहां दो सफाईकर्मी थे, जिनमें से एक ने अवकाश ले लिया है. अब एक सफाईकर्मी इतने कचरे की सफाई नहीं कर सकता है. सालों से जमा कचरे की सफाई के लिए इतना पैसा भी नहीं है. पुराने नियमानुसार राजस्व अदायगी चल रही है. कई दुकानदार राजस्व देते भी नहीं है. कई लोग हाट की जमीन पर कब्जा कर सालों से बस गये है, वे भी राजस्व नहीं देते है. रुपए के अभाव में हाट का विकास संभव नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत कराया जा चुका है.
सेना के लोग भी इस हाट पर निर्भर
बागडोगरा हाट कल्याण समिति के सचिव प्रितलाल साहा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, हाट तहसिलदार से कई बार कचरा सफाई करवाने की अपील की गई है. हाट का शौचालय भी बदहाल अवस्था में है. सुलभ शौचालय निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इस हाट पर थलसेना-वायुसेना से लेकर कई ग्राम पंचायत के लोग निर्भर है. उन्होंने आगे कहा कि इस हाट के विकास के लिए यहां के दुकानदार अतिरिक्त राजस्व देने को भी तैयार है, लेकिन फिर भी कोई सहयोग करने को तैयार नहीं है.

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