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श्मशान घाट में विद्युत चूल्हा खराब होने का मामला गरमाया, तृणमूल ने निकाली नगर निगम की अर्थी

सिलीगुड़ी. प्रभात खबर में खबर प्रकाशित हुए होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के साथ ही सिलीगुड़ी नगर निगम हरकत में आया है. 22 अक्टूबर को प्रभात खबर के सिलीगुड़ी संस्करण में किरणचंद्र श्मशान घाट में शवदाह के लिए बने विद्युत चूल्हे के पांच दिनों से खराब होने की खबर प्रकाशित हुयी थी. उसके बाद इसकी […]

सिलीगुड़ी. प्रभात खबर में खबर प्रकाशित हुए होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के साथ ही सिलीगुड़ी नगर निगम हरकत में आया है. 22 अक्टूबर को प्रभात खबर के सिलीगुड़ी संस्करण में किरणचंद्र श्मशान घाट में शवदाह के लिए बने विद्युत चूल्हे के पांच दिनों से खराब होने की खबर प्रकाशित हुयी थी. उसके बाद इसकी अतिशीघ्र मरम्मती करा कर चालू करने की मांग पर सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने जोरदार आंदोलन शुरू किया. सोमवार को सिलीगुड़ी नगर निगम की अरथी निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया.

निगम की अरथी सजाकर पहले मेयर के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया. बाद में निगम परिसर में ही पुतला भी फूंका गया. हांलाकि निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने शहरवासियों को हुयी परेशानी के लिए खेद प्रकट किया है. साथ ही मंगलवार से किरणचंद्र श्मशान घाट की विद्युत चूल्हे के सामान्य होने का भरोसा दिया है.


दस लाख की आबादी वाले इस शहर में एक ही विद्युत चूल्हे में शवदाह वाला श्मशान घाट है. यहां दो चूल्हे हैं. इसमें से एक तो काफी दिनों से खराब है दूसरा भी पिछले आठ दिनों से बेकार है.

दोनों विद्युत चूल्हे के खराब होने से शहरवासियों को काफी परेशानी हो रही है. जहां विद्युत चल्हे में शवदाह के लिए 700 रूपये देने पड़ते हैं,वहीं इसके खराब होने से दस हजार रूपये से अधिक खर्च कर लकड़ी पर शवदाह करना पड़ रहा है. जबकि किरणचंद्र श्मशान घाट में लकड़ी से शवदाह की व्यवस्था नहीं है. विद्युत चूल्हे के खराब होने की जानकारी मिलने के बाद अधिकांश परिवार अपने मृतक परिजन का शवदाह निगम के पांच वंबर वार्ड स्थित रामघाट में करा रहे हैं. उसके बाद सोमवार को नगर में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने आंदोलन की घोषणा कर दी.

सोमवार को निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार की अगुवायी में सिलीगुड़ी नगर निगम का पुतला फूंका गया. तृणमूल पार्षदों ने निगम का पुतला बनाकर एक अरथी निकाली. निगम की अरथी को मेयर के टेबल पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान मेयर अशोक भट्टाचार्य निगम में उपस्थित नहीं थे. पत्रकारों से विरोधी दलनेता रंजन सरकार ने बताया कि पिछले आठ दिनों से किरणचंद्र श्मशान घाट में विद्युत चूल्हा खराब है. निगम में वाम मोरचा बोर्ड ने श्मशान घाट में शवदाह के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की. विद्युत चूल्हे के खराब होने से शवदाह करने आये परिवारों को 8 से 10 हजार का खर्च पड़ रहा है. इन आठ दिनों में रामघाट में 37 और किरणचंद्र श्मशान घाट में 30 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. इन परिवारों को निगम की ओर से क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए. सिलीगुड़ी में एक विद्युत चूल्हे से काम नहीं चलने वाला है. सरकार ने रामघाट में एक और विद्युत शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया था. लेकिन इसी मेयर ने स्थानीय लोगों को भड़काकर उस योजना पर ग्रहण लगा दिया. रंजन सरकार ने निगम की वामो बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिलीगुड़ी के पूर्व तृणमूल विधायक ने किरणचंद्र श्मशान घाट में शवों के दाहसंस्कार से पहले किये जाने वाले परंपरागत प्रक्रिया के लिए एक चबूतरा और दशकर्मा भंडार सहित अन्य कई कार्यों के लिए पैसे दिये थे. निगम इस रूपये को खर्च करने में विफल रही है.

मेयर ने तृणमूल को लताड़ा : इधर,तृणमूल के आंदोलन को लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि बिना अनुमति के उनके कार्यालय में प्रवेश कर हंगामा करना, कागजातों के साथ छेड़छाड़ करना अभद्रता की निशानी है. तृणमूल की यह अभद्रता हरबार देखने को मिलती है. पेयजल की समस्या, डेंगू और अब विद्युत चूल्हे की समस्या को लेकर तृणमूल ने जो अभद्रता की है,वह निंदनीय है. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि पिछले 23 दिनों में किरणचंद्र श्मशान घाट में 366 शवों का दाह किया गया है. यह औसतन 18 से 20 शव प्रतिदिन है. जबकि किरणचंद्र श्मशान घाट के विद्युत चूल्हे में रोजाना 8 से 10 शव जलाने की क्षमता है. इसी वजह से इसमें खराबी हुयी. दुर्घटना कभी भी घट सकती है. हम समस्या के समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं. हांलाकि किरणचंद्र श्मशान घाट के वैकल्पिक व्यवस्था के प्रश्न पर मेयर ने चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा कि शवदाह करने आये जिन परिवारों को परेशानी हुयी है उनको आवेदन करने पर मेयर फंड से दो हजार रूपए तक हर्जाना दिया जायेगा. उन्होंने आगे कहा कि श्मशान घाट में वैसे भी दोनों चूल्हे एक साथ नहीं चलाये जा सकते. इसके लिए यहां एक और चिमनी बनाने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए 1 करोड़ 5 लाख रूपए की आवश्यकता है. माकपा के दो सांसदों ने इस कार्य के लिए पचास-पचास लाख रूपए देने का आश्वासन दिया है.
मंत्री ने किया कटाक्ष
किरणचंद्र श्मशान घाट में विद्युत चूल्हा आठ दिनों से खराब होने पर राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने निगम की वामो बोर्ड को व्यर्थ बताया है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी जैसे शहर में एक विद्युत चूल्हे से शवदाह का काम नहीं चलेगा. इसके लिए ही राज्य सरकार ने रामघाट इलाके में एक और विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की शुरूआत करायी थी. उस समय मेयर की अगुवायी में माकपा, भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर एक षडयंत्र किया और उस योजना को विफल कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपने विधानसभा इलाके में एक विद्युत शवदाह गृहका निर्माण कराया.

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