इधर, सोशल मीडिया पर भाजपा की सक्रियता ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ा दी है. पार्टी के नेता इस बात से परेशान हैं कि भाजपा तृणमूल को हिंदू विरोधी पार्टी दिखाने की कोशिश में लगी हुई है. हाल ही में दुर्गा पूजा के विसर्जन को लेकर विवाद हुआ था. एक ही दिन विजयादशमी तथा मुहर्रम के कारण राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के विसर्जन पर रोक लगा दी थी. कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला चला गया. इस मामले में हाईकोर्ट को दखल देनी पड़ी. उस समय भी भाजपा ने तृणमूल को हिंदी विरोधी पार्टी बता कर घेरने की कोशिश की थी. कुछ ही दिन बाद छठ को लेकर एक नये विवाद ने तृणमूल नेताओं की चिंता बढ़ा दी है.
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छठ पूजा : प्रशासन के फरमान से राजनीतिक खेमे में खलबली
सिलीगुड़ी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महानंदा नदी को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए नया निर्देश जारी किया है. इस पर महानंदा नदी के घाट पर छठ पूजा के आयोजन को लेकर दार्जिलिंग जिला प्रशासन ने कई प्रकार की पाबंदियां लगा दी हैं. उसके बाद से न केवल यहां के हिंदीभाषी समाज में नाराजगी है, […]
सिलीगुड़ी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महानंदा नदी को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए नया निर्देश जारी किया है. इस पर महानंदा नदी के घाट पर छठ पूजा के आयोजन को लेकर दार्जिलिंग जिला प्रशासन ने कई प्रकार की पाबंदियां लगा दी हैं. उसके बाद से न केवल यहां के हिंदीभाषी समाज में नाराजगी है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी खलबली मची हुई है. विपक्ष ने राज्य की तृणमूल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खासकर भाजपा में प्रशासन के इस निर्देश के बाद सक्रियता काफी बढ़ गयी है. भाजपा तथा कांग्रेस जहां आक्रामक तेवर में हैं, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने रक्षात्मक रुख अपना लिया है.
इधर, सोशल मीडिया पर भाजपा की सक्रियता ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ा दी है. पार्टी के नेता इस बात से परेशान हैं कि भाजपा तृणमूल को हिंदू विरोधी पार्टी दिखाने की कोशिश में लगी हुई है. हाल ही में दुर्गा पूजा के विसर्जन को लेकर विवाद हुआ था. एक ही दिन विजयादशमी तथा मुहर्रम के कारण राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के विसर्जन पर रोक लगा दी थी. कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला चला गया. इस मामले में हाईकोर्ट को दखल देनी पड़ी. उस समय भी भाजपा ने तृणमूल को हिंदी विरोधी पार्टी बता कर घेरने की कोशिश की थी. कुछ ही दिन बाद छठ को लेकर एक नये विवाद ने तृणमूल नेताओं की चिंता बढ़ा दी है.
जिला प्रशासन आदेश को ले वापस : भाजपा
भाजपा के उत्तर बंगाल प्रभारी रथींद्र बोस ने प्रशासन के इस निर्देश की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि महानंदा नदी प्रदूषण मुक्त हो, इसको लेकर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन छठ पूजा के समय इस तरह की पाबंदियां लगाना सही नहीं है. महानंदा नदी पहले से ही दूषित है. प्रशासन तथा राज्य सरकार ने प्रदूषण दूर करने की कभी भी कोई गंभीर कोशिश नहीं की. नदी के तटों पर अवैध कब्जा कर घर बना लिये गये हैं. प्रशासन को पहले इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. भाजपा के राज्य संयोजक रजत मुखर्जी ने भी कुछ इसी प्रकार की बातें कहीं. श्री मुखर्जी ने कहा कि राज्य की तृणमूल सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं के पर्व-त्योहार पर रोक लगाना चाहती हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से इस तरह के आदेशों को वापस लेने की मांग की.
गौतम देव निकालें इसका समाधान : कांग्रेस
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी के विधायक शंकर मालाकार ने भी राज्य की तृणमूल सरकार पर सवालिया निशान लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य के पर्यटन मंत्री तथा तृणमूल नेता गौतम देव की भी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि गौतम देव को इस मामले में हस्तक्षेप कर कोई न कोई समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए. दूसरी तरफ विपक्ष के हमलावर तेवर से तृणमूल कांग्रेस बैकफुट पर है.
आयोजन पर पाबंदी उचित नहीं, पर मामला कोर्ट का : तृणमूल कांग्रेस
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव तथा नगर अध्यक्ष संजय पाठक का कहना है कि यह एक अदालती मामला है और प्रशासन का काम अदालत के आदेशों को क्रियान्वित करना है. वह अदालत तथा प्रशासन के किसी भी निर्देश पर कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन छठ पूजा के आयोजन में किसी भी प्रकार की पाबंदी उचित नहीं है. यह कोर्ट का मामला है और कानूनी तरीके से ही पार्टी आगे कदम उठायेगी. उन्होंने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा पर्यटन मंत्री गौतम देव अभी कोलकाता में हैं. उनके सिलीगुड़ी लौटते ही इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जायेगा और समस्या के समाधान की कोशिश की जायेगी.
महानंदा एक्शन प्लान का मुद्दा उठा
छठ पूजा के आयोजन पर नये प्रशासनिक निर्देश के बाद महानंदा एक्शन प्लान का मुद्दा एक बार फिर से गूंजने लगा है. यहां उल्लेखनीय है कि महानंदा की साफ-सफाई तथा प्रदूषण मुक्त कराने के लिए तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने करोड़ों रुपये लगाकर महानंदा एक्शन प्लान की शुरूआत की थी. उस समय महानंदा को प्रदूषणमुक्त नहीं कराया जा सका. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल सरकार की ओर से भी महानंदा एक्शन प्लान को गंभीरता से नहीं लिया गया. अब भाजपा ने इस मुद्दे को भी उठाया है. भाजपा नेता रथीन्द्र बोस का कहना है कि केन्द्र सरकार महानंदा एक्शन प्लान के लिए करोड़ों रुपये दे रही है. आखिर यह पैसा कहां जा रहा है. राज्य की तृणमूल सरकार को इसका हिसाब देना चाहिए.
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