बेलगाम बाइक सवारों पर नकेल कसने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट ने दुर्गापूजा में हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है. पूजा के दौरान भी बिना हेलमेट पहने पेट्रोल पंप पर तेल नहीं मिलेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सेफ ड्राइव सेव लाइफ अभियान को शत-प्रतिशत कार्यकारी करने के लिए प्रशासन की तरफ से निगरानी तेज की गयी है. पेट्रोल पंपों पर भी पुलिस पैनी निगरानी रख रही है. जबकि पेट्रोल पंप प्रबंधन का कहना है कि बाइक चालकों को हेलमेट पहनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है.
वैसे तो मोटर वाहन एक्ट के अनुसार दुपहिया वाहन चलाते समय जूते पहनना, दो से अधिक लोगों का न बैठना, मुड़ने से पहले इंडिकेटर का इस्तेमाल, गाड़ी सड़क पर लाने के लिए पिछली गाड़ी को संकेत देना, कार व बड़ी गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट लगाना व ट्रैफिक नियम का पालन करना आदि अनिवार्य है. लेकिन इतना नियम मानता कौन है. ये सभी नियम चालकों की सुरक्षा के लिए बनाये गये हैं. फिर भी इन नियमों का पालन कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस व मोटर वाहन विभाग को अभियान चलाना पड़ता है. जुर्माना भरने के बाद भी चालक लापरवाही और ट्रैफिक कानून की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आते. राज्य में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सेफ ड्राइव सेव लाइफ अभियान शुरू किया है. इसी के तहत नो हेलमेट नो पेट्रोल लागू किया गया है.
बिना हेलमेट पहने दुपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल न देने की सख्त हिदायत प्रशासन ने पंप प्रबंधनों को दी थी. शुरुआती दौर में पंप प्रबंधन ने निर्देश पर गौर फरमाया लेकिन कुछ ही दिन बाद यह निर्देश सिर्फ एक बैनर बनकर रह गया. शहर के किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने पेट्रोल लेते हुए लोग दिखाई देते हैं. निर्देश जारी करते समय प्रशासन की ओर से कहा गया था कि सप्ताह व महीने में एक बार पंप का सीसीटीवी फुटेज चेक किया जायेगा. लेकिन प्रशासन के पास इतना वक्त कहां है?
अब दुर्गा पूजा में फिर से नो हेलमेट नो पेट्रोल पर प्रशासन की ओर से सख्ती बरती गयी है. हाल ही में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार सिंह शहर के सभी पेट्रोल पंप मालिकों के साथ एक बैठक की. बिना हेलमेट के पेट्रोल देने से सख्त मनाही की गयी है. प्रशासन के इस निर्देश से शहर के युवा नाखुश हैं. दुर्गापूजा में सप्तमी के दिन से लोग पूजा परिक्रमा को निकलते हैं. साथियों के साथ मोटर साइकिल लेकर घूमना फैशन सा हो गया है. अब ऐसे में हेलमेट पहनना तो नागवार होगा ही. खासकर युवतियों के लिए यह निर्देश काफी दुखभरा है. पूजा के समय हेलमेट पहनना उन्हें बालों की सुदरंता के साथ खिलवाड़ जैसा लगता है. अपने नये लुक व हेयर स्टाइल को दिखाने के लिए लोग जान दांव पर लगाने को राजी हैं. इसलिए प्रशासन ने पूजा में भी नो हेलमेट नो पेट्रोल को लागू रखा है. दूसरी तरफ पंप प्रबंधनों का कहना है कि चालकों को हेलमेट पहनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है. हम व्यवसाय करें या चालकों को हेलमेट पहनाते फिरें. प्रत्येक पंप पर नो हेलमेट नो पेट्रोल का पोस्टर लगाया हुआ है, फिर भी चालक बिना हेलमेट पहने पेट्रोल लेने पहुंच जाते हैं. कोई व्यवसायी सामान रहते ग्राहक को नहीं लौटाता.