उन्होंने यह भी चुनौती दी है कि वीसी में हिम्मत हो तो इन आरोपों के विरुद्ध उन पर कार्रवाई करके दिखायें. श्री विश्वास से मिली जानकारी के मुताबिक, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम को रोकने के लिए बाहरी छात्रों से उन्हें कैंपस में धमकी दिलवायी गयी. इन छात्रों ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें दुष्कर्म के मामले में फंसाने की धमकी भी दी. इसे लेकर उन्होंने रायगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
विवि में गुटबाजी और विवाद चरम पर पहुंच गये हैं. कुछ लोग इस अध्यापक देवाशीष विश्वास पर अनर्गल प्रलाप का आरोप लगा रहे हैं, तो कुछ उनकी मुहिम को सही बता रहे हैं. विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यापक देवाशीष विश्वास ने विवि प्रशासन पर भ्रष्टाचार व माफियाराज कायम करने का आरोप मीडिया के सामने लगाया है. इस पर कुछ बाहरी युवकों ने कैंपस में उनके साथ हाथापाई व गालीगलौज किया. इससे खफा होकर उन्होंने रायगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी एवं पुन: मीडिया के सामने विश्व विद्यालय प्रशासन व उपकुलपति पर आरोपों की झड़ी लगा दी.
उन्होंने बताया कि उपकुलपति के इशारे पर विवि में भ्रष्टाचार व माफिया राज का आलम व्याप्त है. वह प्रशासक से ज्यादा राजनीतिक दल के नेता का किरदार निभाते हैं. एडमिशन की प्रक्रिया में धांधली हुई. परीक्षा की उत्तर पुस्तिका संबंधित विभाग में मूल्यांकन की लिए भेजी जाती है. खर्चों का कोई हिसाब नहीं है. शोध कार्य में खुले आम धांधली हो रही है. उनका आरोप है कि पीएचडी की डिग्री फुटपाथी सामान की तरह उपलब्ध करायी जा रही है.
उन्होंने आरोपों को झूठा साबित करने व उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की चुनौती भी दे डाली. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दो बार उन पर जांच कमेटी बिठाई गई, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई. देवाशीष विश्वास ने कहा कि उन्हें कई बार मुंह बंद रखने के लिए प्रलोभन दिया गया, लेकिन वह डटे रहे. इस संबंध में रायगंज विश्वविद्यालय के उपकुलपति अनिल भुईंमाली ने सफाई देने से इनकार कर दिया, उन्होंने केवल इतना कहा कि इस अध्यापक के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं, जिसकी जांच शुरू की गई है. रिपोर्ट मिलने पर अगली कार्रवाई की जायेगी.