सिलीगुड़ी: अबतक हिरणों तथा मोर आदि को देख कर ही खुश होने वाले सिलीगुड़ी के लोगों तथा बाहर से आने वाले पर्यटकों को ना केवल हाथी देखने का मौका मिलेगा,बल्कि उसकी सवारी का भी आनंद उठा सकेंगे. यदि सबकुछ ठीक रहा तो दुर्गा पूजा से पहले ही यह मौका मिलने वाला है. सिलीगुड़ी शहर से […]
सिलीगुड़ी: अबतक हिरणों तथा मोर आदि को देख कर ही खुश होने वाले सिलीगुड़ी के लोगों तथा बाहर से आने वाले पर्यटकों को ना केवल हाथी देखने का मौका मिलेगा,बल्कि उसकी सवारी का भी आनंद उठा सकेंगे. यदि सबकुछ ठीक रहा तो दुर्गा पूजा से पहले ही यह मौका मिलने वाला है.
सिलीगुड़ी शहर से करीब सात किलोमीटर दूर बंगाल सफारी पार्क इस बार दुर्गा पूजा के समय गुलजार होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस महीने की 26 तारीख से ही बंगाल सफारी पार्क में हाथियों की सवारी यानि एलेफेंट सवारी की शुरूआत हो जायेगी. इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है.राज्य के पर्यटन मंत्री ने भी बताया है कि राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा से पहले ही बंगाल सफारी पार्क में एलिफेंट सफारी शुरू करने की घोषणा की थी और अब यह सकार होने वाला है.
श्री देव यहां पिछले दिनों संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.श्री देव ने कहा कि वह कोलकाता में उनकी मुलाकात वनमंत्री विनय कृष्ण वर्मन के साथ होगी. वहीं इस योजना को अंतिम रूप दिया जायेगा. सबकुछ ठीक रहा तो 26 तारीख के दिन ही एलिफेंट सफारी का उद्घाटन कर दिया जायेगा.इसबीच,एलिफेंट सफारी शुरू करने के लिए एक हाथी को बक्सा बाघ परियोजना के जंगल से लाया गया है.
इस हाथी का नाम उर्मिला है. फिलहाल उर्मिला यहां की आवोहवा में ढलने की कोशिश कर रही है.उसकी देखरेख के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित एक कर्मचारी को भी रखा गया है. वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस हाथी को बक्सा जंगल जैसा माहौल ही यहां भी मिल रहा है. इसके साथ ही यहां अब हाथियों की संख्या दो हो गयी है. आने वाले दिनों में और भी कई जानवर इस पार्क में आ रहे हैं.पर्यटप मंत्री ने भी कहा था कि दो बाघ के साथ ही चार सफेद मोर यहां लाये जायेंगे. उसके बाद इनसभी को भी यहां लाने की तैयारी शुरू हो गयी है. बंगाल सफारी पार्क के एक अधिकारी ने बताया कि पूजा के बाद मोर को लाने की कोशिश की जायेगी. उसके बाद नंदन कानन से दो बाघों को लाया जायेगा. इसबीच,बंगाल सफारी पार्क में एलिफेंट सफारी शुरू होने की खबर से ना केवल सिलीगुड़ी बल्कि पूरे उत्तर बंगाल के लोग खुश हैं. खासकर पर्यटक इसको लेकर काफी उत्साहित हैं. क्योंकि हाथी सफारी की बुकिंग ऑनलाइन भी की जा सकती है और इसकी शुरूआत भी हो गयी है.
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में जारी है बेमियादी बंद
दार्जिलिंग में इनदिनों गोरखालैंड आंदोलन की वजह से स्थिति काफी खराब है. पिछले तीन महीने से भी अधिक समय से पूरे दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में बेमियादी बंद जारी है. पूरा पर्यटन उद्योग तबाह हो गया है.आमतौर पर दुर्गा पूजा के समय काफी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग की ओर रूख करते हैं.इसबार पूजा के समय पर्यटकों के दार्जिलिंग आने की संभावना नहीं के बराबर है.दार्जिलिंग के बजाय पर्यटक डुवार्स की ओर रूख करेंगे. इसी क्रम में वह सिलीगुड़ी में रूकेंगे और बंगाल सफारी पार्क की सैर करेंगे. सिलीगुड़ी के एक टूर ऑपरेटर का कहना है कि गोरखालैंड आंदोलन की वजह से सिफ पहाड़ पर ही नहीं अपितु सिलीगुड़ी में भी पर्यटन कारोबार चौपट हो गया. हाथी सफारी होने से सिलीगुड़ी में पर्यटन कारोबार को थोड़ी राहत मिलने की संभावना तो है ही.