सिलीगुड़ी. प्राइवेट ट्यूटर्स ने ट्यूशन व कोचिंग चलाने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ गांधीगीरी का फॉर्मूला अपना कर जंग का ऐलान कर दिया है. उनके इस अभियान से ट्यूशन व कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों में एक खौफ है. जिसका असर शहर के छात्र-छात्राओं पर पड़ रहा है. सर पर माध्ममिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा को […]
सिलीगुड़ी. प्राइवेट ट्यूटर्स ने ट्यूशन व कोचिंग चलाने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ गांधीगीरी का फॉर्मूला अपना कर जंग का ऐलान कर दिया है. उनके इस अभियान से ट्यूशन व कोचिंग चलाने वाले शिक्षकों में एक खौफ है. जिसका असर शहर के छात्र-छात्राओं पर पड़ रहा है. सर पर माध्ममिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा को लटकते देख विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं. अपनी समस्याओं से राज्य के शिक्षा मंत्री को रू-ब-रू कराने के लिए सिलीगुड़ी के विद्यार्थी सूर्यसेन महाविद्यालय पहुंचे. काफी हंगामा करने के बाद राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने विद्यार्थियों से बात की.
वर्तमान समय में ट्यूशन व कोचिंग पढ़ना एक फैशन सा हो गया है. विद्यालय व कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि विद्यार्थी ट्यूशन या कोचिंग में जाने को मजबूर हैं. परीक्षा में अधिक अंक पाने की आस में विद्यार्थी अपने विद्यालय के शिक्षक से ही ट्यूशन पढ़ने को पहली प्राथमिकता भी देते हैं. अभिभावक भी सरकारी शिक्षकों से ही बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने पर विशेष जोर देते हैं. राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी के दृष्टिकोण से सरकारी शिक्षकों का ट्यूशन व कोचिंग पढ़ाना समस्या समाधान के विपरीत है. रोजगार के अवसर पर जबरन दखल जमाने के खिलाफ प्राइवेट ट्यूटरो ने मोरचा खोला है. हाल ही में ट्यूशन व कोचिंग पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों को गुल्दस्ता व मिठाई देकर विरोध जताया था. उनका कहना है कि जब तक सरकारी शिक्षक ट्यूशन व कोचिंग पढ़ाना बंद नहीं करेगें तब तक गांधीगीरी के जरिए वे लोग विरोध करते रहेंगे. लेकिन सरकारी शिक्षक व प्राइवेट ट्यूटर के बीच जारी इस युद्ध में विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है.
अभिभावकों ने प्राइवेट ट्यूटरों के खिलाफ गांधीगीरी के नाम पर दादागीरी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि गांधीगीरी के नाम पर बिना इजाजत समाज के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के घर प्रवेश कर उत्पात मचाना, विद्यार्थियों को जबरदस्ती खींचकर बाहर निकालना दादागीरी है. उनके इस अभियान के बाद विद्यार्थियों खास कर छात्राओं में खौफ है. विद्यार्थी ट्यूशन व कोचिंग के नाम से भी डरने लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ कई सरकारी शिक्षकों ने ट्यूशन पढ़ाना बंद कर दिया है. अब बीच सत्र में उत्पन्न इस समस्या से विद्यार्थी व उनके अभिभावक दस्तक दे चुके माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के साथ भविष्य की चिंता से परेशान हैं. इस समस्या के अविलंब समाधान की मांग पर सोमवार सिलीगुड़ी के छात्र सड़क पर उतरे.
राज्य के शिक्षा मंत्री को छात्र देना चाहते थे ज्ञापन
सूर्यसेन महाविद्यालय के बीस वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व पर्यटनमंत्री गौतम देव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित होने वाले थे. लेकिन किसी कारणवश मंत्री पार्थ चटर्जी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये. इधर आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं अपनी समस्याओं से शिक्षा मंत्री को अवगत कराने के उद्देश्य से महाविद्यालय के बाहर जमा हुए. पुलिस प्रशासन ने आंदोलनकारी इस छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय के कार्यक्रम में खलल डालने से रोका. कार्यक्रम के निकलने के बाद राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव ने आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं के एक प्रतिनिधि दल से बात की.
क्या है समस्या
विद्यार्थियों ने बताया कि बीच सत्र में ट्यूशन व कोचिंग बंद हो जाने की वजह से उन्हें परेशानी हो रही है. माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की परीक्षा सर पर है. राज्य सरकार ने नयी शिक्षक आचरण नीति में सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन व कोचिंग पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया है. दूसरी तरफ प्राइवेट ट्यूटरों ने भी मोरचा खोल दिया है. लेकिन इन दोनों के बीच विद्यार्थी पिस रहे हैं.
क्या कहते हैं मंत्री गौतम देव
इस संबंध में राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव ने कहा कि मांग चाहे कुछ भी हो लेकिन किसी कार्यक्रम में बाधा देना तर्कसंगत नहीं है. यह सिर्फ सिलीगुड़ी की नहीं बल्कि पूरे राज्य की समस्या है. इस मसले को लेकर प्राइवेट ट्यूटर्स एसोसिएशन व सरकारी शिक्षक संगठन, अभिभावक संगठन ने कई बार मुलाकात किया है. इन लोगों ने राज्य के शिक्षामंत्री से भी मुलाकात की है. आज विद्यार्थियों ने अपना पक्ष रखा है. राज्य के शिक्षामंत्री तक इनका पैगाम पहुंचा दिया जायेगा.