दार्जिलिंग. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग में पहाड़ पर मंगलवार को भी रैली निकली. शहर के रेलवे स्टेशन से निकाली गयी रैली चौक बाजार पहुंची, जहां एक पथा सभा की गयी. पथसभा को संबोधित करते हुए गोजमुमो के केन्द्रीय कमेटी सदस्य तथा दार्जिलिंग नगरपालिका के चेयरमैन डीके प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी […]
दार्जिलिंग. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग में पहाड़ पर मंगलवार को भी रैली निकली. शहर के रेलवे स्टेशन से निकाली गयी रैली चौक बाजार पहुंची, जहां एक पथा सभा की गयी. पथसभा को संबोधित करते हुए गोजमुमो के केन्द्रीय कमेटी सदस्य तथा दार्जिलिंग नगरपालिका के चेयरमैन डीके प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी भी पार्टी की सरकार बने वह अलग राज्य गोरखालैंड का समर्थन नहीं करेगी. मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग ने गोरखालैंड मुद्दे के अलावा किसी विषय पर बातचीत नहीं करने का निर्देश दिया है.
श्री प्रधान ने कहा कि गोजमुमो ने राज्य सरकार के साथ बातचीत नहीं करने का निर्णय लिया था, लेकिन पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई बातचीत में उन्होंने राज्य सरकार के साथ बातचीत करने का सुझाव दिया था. इसलिए गोजमुमो ने गृहमंत्री के सुझाव पर राज्य सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हुआ. उन्होंने कहा कि बंगाल में गोरखा सुरक्षित नहीं हैं इसलिए अलग राज्य गोरखालैंड होना जरूरी है. अलग राज्य की मांग संवैधानिक है. लेकिन बंगाल सरकार आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस बल का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि अलग राज्य की मांग बंगाल सरकार स्वीकार नहीं करेगी, इसलिए भारत सरकार को गोरखाओं को न्याय देना होगा.
श्री प्रधान ने कहा कि बंगाल में गोरखा अल्पसंख्यक हैं. गोरखाओं के पास तीन विधायक और एक सांसद हैं. हमारी आवाज नहीं सुनी जा रही है. गोरखाओं पर अत्याचार किया जा रहा है. इन सबके बावजूद सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया खामोश हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोलकाता की बैठक सफल नहीं हुई तो बुधवार से मोर्चा कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को पकड़ने के लिए पुलिस की छापामारी तेज होगी. लेकिन इससे गोरखाओं की आवाज नहीं दबेगी. हमारा आंदोलन और तेज होगा. जब तक गोरखालैंड नहीं बन जाता, आंदोलन जारी रहेगा.
जनसभा को क्रामाकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य बीएम राई, गोजविमो के केंद्रीय प्रवक्ता सन्दीप छेत्री, गक्रानामो की संजिला घीसिंग ने भी संबोधित किया.