सिलीगुड़ी: बड़े तामझाम के साथ राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव और बीएसएफ के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फूलबाड़ी स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत पर इमिग्रेशन सेंटर से जीरो लाइन तक टोटो सेवा शुरू की थी. अब यह सेवा बंद हो गयी है. सीमा पार जानेवाले यात्रियों के सामने पुरानी समस्या फिर से खड़ी हो गयी […]
सिलीगुड़ी: बड़े तामझाम के साथ राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव और बीएसएफ के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फूलबाड़ी स्थित भारत-बांग्लादेश सीमांत पर इमिग्रेशन सेंटर से जीरो लाइन तक टोटो सेवा शुरू की थी. अब यह सेवा बंद हो गयी है. सीमा पार जानेवाले यात्रियों के सामने पुरानी समस्या फिर से खड़ी हो गयी है.
प्रतिदिन सैकड़ों लोग फूलबाड़ी स्थित जीरो लाइन को लांघकर बांग्लादेश आते-जाते हैं. फूलबाड़ी इमिग्रेशन सेंटर से जीरो लाइन की दूरी आधा किलोमीटर के करीब है. लेकिन सीमापार जानेवाले यात्रियों को तकरीबन पांच किलोमीटर पैदल पार करना पड़ता है. इतनी बड़ी राह पैदल पार करने में यात्रियों और पर्यटकों का कलेजा मुंह में आ जाता है. इसको लेकर यात्रियों ने कई बार दोनों देश की प्रशासन से गुहार लगायी. आखिरकार पश्चिम बंगाल सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने फूलबाड़ी इमिग्रेशन सेंटर से जीरो लाइन तक के लिए दो टोटो सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिये. बीते दिनों एक कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने बीएसएफ उत्तर बंगाल के आइजी राजेश मिश्रा के हाथों में इसे सौंपा था.
दोनों टोटो को अगले ही दिन से सीमांत पर यात्रियों और पर्यटकों को लाने व ले जाने के काम पर लगा दिया. लेकिन कुछ ही में दिन में टोटो का संचालन बीएसएफ के लिए सिरदर्द बन गया. किसी जवान को इसका चालक बनाना उसके सम्मान के खिलाफ था. सुरक्षा कारणों के दृष्टिकोण से किसी आम नागरिक को चालक बनाना भी संभव नहीं. नियमानुसार इमिग्रेशन सेंटर से जीरो लाइन तक बीएसएफ के अलावा किसी आम नागरिक को जाने की अनुमति नहीं है.
फिर बीएसएफ ने निर्णय लिया कि बीएसएफ परिवार के किसी विकलांग या ग्रुप डी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को चालक बनाया जायेगा. ऐसे चालक की तलाश पूरी होने तक फूलबाड़ी सीमा पर तैनात 66वीं बटालियन के दो जवानो को ही टोटो संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गयी. लेकिन बीते आठ अगस्त से फूलबाड़ी इमिग्रेशन व जीरो लाइन के बीच टोटो की आवाजाही बंद है. यात्रियों व पर्यटकों के समक्ष फिर वहीं पुरानी समस्या खड़ी हो गयी है.
इमिग्रेशन से जीरो लाइन तक शुरू की गयी टोटो परिसेवा मुफ्त में नही थी. परिसेवा का उपभोग करने वालो को 10 रुपये प्रति व्यक्ति भाड़ा देना पड़ता था. बीएसएफ के मुताबिक टोटो की बैटरी चार्ज करने के लिए बिजली की खपत होती है. इसके अतिरिक्त टोटो के रख-रखाव का एक अलग खर्च है. इसके अतिरिक्त टोटो चालक को छह से आठ हजार रुपए मासिक वेतन भी तय किया था. जिसके लिए दस रुपए प्रति व्यक्ति किराया निर्धारित किया गया. सूत्रों से अनुसार वर्दी पहनकर टोटो चलाना किसी भी जवान की शान के खिलाफ है.
दूसरी तरफ इलाके का सिंडीकेट राज भी यात्रियों की सुविधा के लिए इमिग्रेशन सेंटर व जीरो लाइन के बीच जारी टोटो परिसेवा पर भारी पर गया. टोटो चालक के लिए दो स्थानीय युवकों की नियुक्ति ना किए जाने पर सिंडिकेट चलाने वाले नाराज हो गये. स्थानीय कुछ प्रभावशाली लोगों ने यात्रियों को भाड़ा देने के खिलाफ भड़का दिया. जिसके बाद टोटो परिसेवा का उपभोग करने वाले यात्री दस रुपये देने में आनाकानी करने लगे. इस समस्या की वजह से ही टोटो परिसेवा को तत्काल स्थगित कर दिया गया है.
बीएसएफ उत्तर बंगाल मुख्यालय के एक पदस्थ अधिकारी ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा टोटो मुहैया कराये जाने के बाद जीरो लाइन से इमिग्रेशन सेंटर के बीच टोटो परिसेवा शुरू कर दी गयी था. उपयुक्त चालकों की तलाश पूरी होने तक दो जवानों के जरिए टोटो का संचालन शुरू कराया गया था. सीमा सुरक्षा की दृष्टिकोण से किसी आम नागरिक को चालक नहीं बनाया गया. बीएसएफ के परिवार से ही किसी को चालक बनाने का निर्णय लिया गया था. जिसके एवज में उसे छह से आठ हजार रुपए मासिक वेतन भी निर्धारित किया गया है. जबकि स्थानीय कुछ लोगों की मांग थी कि टोटो चालक के लिए इलाके के ही युवकों को नियुक्त किया जाए. इमिग्रेशन व जीरो लाइन के बीच बीएसएफ के अलावा आम नागरिकों का आवागमन नियम के खिलाफ है.
परिचालन खर्च निकालने के लिए यात्रियों से 10 रुपये प्रतिव्यक्ति किराया निर्धारित किया गया. स्थानीय लोगों को चालक नियुक्त ना किए जाने से नाराज लोगों ने यात्रियों को भड़काना शुरू किया. लोगों का कहना था कि राज्य के पर्यटन मंत्रालय ने टोटो प्रदान किया है. बीएसएफ टोटो का संचालन कर रही है.
पूरे सरकारी तंत्र में किस बात का किराया? दस रुपए प्रति व्यक्ति किराये को लेकर यात्रियों ने बीएसएफ के साथ विवाद शुरू कर दिया. टोटो पर चढ़ने के पहले किराया बताने के बाद भी यात्री झमेला करने लगे. इस समस्या के समाधन तक टोटो परिसेवा स्थगित रखा गया है. कोलकाता में होने की वजह से इस संबंध में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी.