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सिलीगुड़ी में फिर लगा चिकित्सक पर गलत इलाज का आरोप

सिलीगुड़ी. शहर के लोगों का अब यहां के पैथालॉजिस्टों यहां तक कि डॉक्टरों पर से भरोसा उठता जा रहा है. यही वजह है कि मरीज अब स्थानीय चिकित्सकों के बजाय हैदराबाद या चेन्नई व वेल्लोर जाना पसंद कर रहे हैं. ऐसा ही एक वाकया एक मरीज के साथ हुआ. माटीगाड़ा निवासी पलासचंद्र पाल ने आरोप […]

सिलीगुड़ी. शहर के लोगों का अब यहां के पैथालॉजिस्टों यहां तक कि डॉक्टरों पर से भरोसा उठता जा रहा है. यही वजह है कि मरीज अब स्थानीय चिकित्सकों के बजाय हैदराबाद या चेन्नई व वेल्लोर जाना पसंद कर रहे हैं. ऐसा ही एक वाकया एक मरीज के साथ हुआ. माटीगाड़ा निवासी पलासचंद्र पाल ने आरोप लगाया है कि रेडियालॉजिस्ट डॉ. अरिंदम सरकार की जांच से उनकी जान जाते जाते बच गई. कारण, रेडियालॉजिस्ट ने उन्हें जो जांच रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार उनकी बीमारी एपेनसाइडिटिज और पैनक्रियाटिक संबंधी थी. जबकि हैदराबाद जाने पर वहां की टेस्ट में मामला केवल गैस का निकला.

इस संबंध में पलासचंद्र पाल ने गुरुवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में एक प्रेस वार्ता के जरिये उक्त आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने इस कथित लापरवाही की शिकायत वेस्ट बंगाल क्लिनिकल एस्टैबलिशमेंट रेगुलटरी कमीशन में दर्ज कराई है. प्रेस वार्ता में उनके साथ माटीगाड़ा सोशल वेलफेयर आर्गनाइजेशन के प्रधान डॉ. मलय बक्सी भी मौजूद रहे.

डॉ. पलास चंद्र पॉल ने बताया कि विगत 30 जून को उन्हें अचानक पेट में असह्य दर्द महसूस हुआ जिसके बाद उन्होंने जनरल फिजीशियन डॉ. पीडी भुटिया को दिखाया. डॉक्टर भुटिया ने उन्हें दस रोज की दवाएं खाने को दी. लेकिन रात को उनका दर्द फिर तेज हो गया. फोन करने पर डॉ. भुटिया ने उन्हें वेवरन का इंजेक्शन लेने की सलाह दी.

दर्द कम होने के बाद उन्होंने पैरामाउंट नर्सिंग होम के डॉ. विवेक सरकार को दिखाया जिन्होंने उनके लिये कई टेस्ट लिख दिये. मरीज ने अपनी सारी टेस्ट स्थानीय आनंदलोक नर्सिंग होम के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अरिंदम चक्रवर्ती से कराई. रिपोर्ट के मुताबिक मरीज को एपेनडिसाइटिस और पैनक्रियाटिक रोग बताया. रिपोर्ट मिलने के बाद पैरामाउंट नर्सिंग होम के डॉ. विवेक सरकार ने मरीज को तुरंत उनके अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी. लेकिन आर्थिक रुप से कमजोर मरीज ने कुछ मोहलत मांगी. फिर घरवालों ने तय किया कि उनका इलाज हैदराबाद स्थित एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ गैस्ट्रोलॉजी में कराया जायेगा. वहां के डॉक्टर को दिखाने के बाद जो रिपोर्ट सामने सामने आई वह चौंकाने वाली थी. दरअसल, पलाश चंद्र पाल को केवल गैस की समस्या थी. इलाज के बाद वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. डॉ. बक्सी ने कहा, इस तरह की लापरवाही मरीज की न सिर्फ जान लेती है बल्कि उन्हें आर्थिक रुप से पंगु भी बना देती है.

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