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चीन के विरोध में उतरे तिब्बती
साथ-साथ. डोकलाम विवाद पर भारत के समर्थन में टिबटेन यूथ कांग्रेस तिब्बत की आजादी में निहित है भारत की सुरक्षा सिलीगुड़ी : भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्र के हस्तक्षेप को लेकर चल रही तनातनी के बीच टिबेटन यूथ कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया गया है. शुक्रवार को दिल्ली […]
साथ-साथ. डोकलाम विवाद पर भारत के समर्थन में टिबटेन यूथ कांग्रेस
तिब्बत की आजादी में निहित है भारत की सुरक्षा
सिलीगुड़ी : भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्र के हस्तक्षेप को लेकर चल रही तनातनी के बीच टिबेटन यूथ कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया गया है. शुक्रवार को दिल्ली में इस मौके पर सुबह 10 बजे रैली निकाली गयी, जिसने रामलीला मैदान से जंतर-मंतर तक परिक्रमा की. शुक्रवार को शहर में इसकी जानकारी टिबेटन यूथ कांग्रेस की नार्थ ईस्ट इकाई की ओर से अध्यक्ष दावा ग्यालपो ने प्रेस वार्ता के जरिये दी है. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि तिब्बत की आजादी ही भारत के सुरक्षा हितों के अनुकूल है. इसीलिये टिबेटन यूथ कांग्रेस तिब्बत की आजादी से मुक्ति के लिये आंदोलन चला रही है.
कहा गया है कि भारत और चीन के बीच जिस डोकलाम क्षेत्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है वह ऐतिहासिक रुप से तिब्बत का हिस्सा रहा है. ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार डोकलाम या डोकाला का क्षेत्र तिब्बत के धर्मगुरु 13 वें दलाई लामा ने सन 1913 में भूटान को दिया था. आज जिस तरीके से चीन इस सीमा विवाद को हवा दे रहा है वह चीन की विस्तारवादी नीतियों का ही परिचायक है. इन नीतियों से भारत के अलावा दक्षिण पूर्वी एशिया और पूर्वी एशिया के देश भी प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि चीन ऐतिहासिक सच्चाई से इतर खुद को पीड़ित राष्ट्र बताकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का सहारा लेते हुए भारत पर दबाव बना रहा है. ऐसे में भारत को चीन के सामने जरा भी नहीं झुकना चाहिये. चीन विश्व में भारत के बढ़ रहे रुतबे को रोकने की नापाक कोशिश कर रहा है जिसका टिबेटन यूथ कांग्रेस तीव्र विरोध करती है.
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