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गोरखालैंड आंदोलन का तार नेपाल से जुड़ा

सिलीगुड़ी. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन का तार नेपाल से जुड़ता दिख रहा है. सोमवार को एक स्थानीय आंदोलनकारी के साथ नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच की दिशा भी बदल गयी है. अब तक गोरखालैंड आंदोलन को विदेशी शक्तियों के समर्थन का आरोप राज्य सरकार लगा रही […]

सिलीगुड़ी. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन का तार नेपाल से जुड़ता दिख रहा है. सोमवार को एक स्थानीय आंदोलनकारी के साथ नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच की दिशा भी बदल गयी है. अब तक गोरखालैंड आंदोलन को विदेशी शक्तियों के समर्थन का आरोप राज्य सरकार लगा रही थी. अब एक नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी के बाद सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने उसी दिशा में जांच शुरू कर दी है. इस बीच, मंगलवार शाम को एक और आंदोलकारी की गिरफ्तारी सुकना के पंचनई इलाके से हुई. गिरफ्तार विशाल छेत्री अगम सिंह नगर का रहनेवाला है. बुधवार को उसे अदालत में पेश किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि गत 29 जुलाई को सुकना में आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष की घटना घटी थी. इसी सिलसिले में पुलिस ने पड़ोसी देश नेपाल के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही सुकना के एक स्थानीय व्यक्ति की भी गिरफ्तारी हुई है. मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपियों को सिलीगुड़ी जिला अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की. अदालत ने उन्हें पूछताछ के लिए 12 दिन की रिमांड पर पुलिस को दे दिया है.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बार-बार दावा करती रही हैं कि अलग राज्य के आंदोलन के पीछे विदेशी शक्तियों का हाथ है. नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी से मुख्यमंत्री के इस दावे को बल मिला है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक गुप्त सूचना के आधार पर बीते सोमवार को सुकना इलाके में दो बार तलाशी अभियान चलाया गया. इस अभियान में उदयन हंग फागू (37) और नितिन छेत्री (35) को सुकना के दो अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया गया है. नितिन छेत्री सुकना बाजार का निवासी है, जबकि उदयन फागू पड़ोसी देश नेपाल के इलम जिले के पिकल बाजार पुलिस थाना इलाके का निवासी है.

सुकना कांड में इन दोनों के शामिल होने का दावा पुलिस कर रही है. पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ दंगा भड़काने के मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 147,148,149 के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा खतरनाक हथियार रखने, सरकारी काम में बाधा डालने के लिए धारा 186,324, 339 लगायी गयी है. सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने व आगजनी के लिये धारा 325, 435 व 437 के अलावा पुलिस कर्मचारियों पर जानलेवा हमला व अपराधिक षडयंत्र के लिए धारा 506, 353 के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अतिरिक्त आर्म्स एवं विस्फोटक कानून की धाराएं भी लगायी गयी हैं.

क्या हुआ था सुकना में: गत 29 जुलाई को सिलीगुड़ी के निकट सुकना इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. अलग राज्य गोरखालैंड के समर्थन में गोजमुमो के नारी मोरचा ने रैली निकाली थी. इसी दौरान पुलिस के साथ भारी संघर्ष हुआ. इस घटना में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अधीन प्रधाननगर थाना के ओसी संजय घोष सहित कई पुलिस कर्माचारी भी घायल हुए थे. पुलिस की तरफ से वाटर कैनन व रबर बुलेट का इस्तेमाल किया गया था. इसमें कुछ आंदोलनकारी भी घायल हुए थे.
क्या कहती है पुलिस: सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सुकना कांड में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें से एक नेपाल का नागरिक है. मंगलवार को दोनों को सिलीगुड़ी जिला अदालत में पेश किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मोर्चा से निपटने को पुलिस-प्रशासन तैयार
अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन के क्रम में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) ने 9 अगस्त से सिलीगुड़ी सहित तराई-डुआर्स में घमसान आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है. इससे प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. सिलीगुड़ी व आसपास के इलाकों में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं. दूसरी ओर तराई-डुआर्स में अशांति रोकने के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल ने भी कमर कस ली है. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार मोरचा की घोषणा को हल्के में नहीं लिया जा रहा है. पहाड़ से समतल को जोड़नेवाले सभी मार्गों पर नजर रखी जा रही है. सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है. जरूरत होने पर रिजर्व बटालियन को उतारा जायेगा.
राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने भी सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर से सुरक्षा तैयारियों को लेकर बातचीत की है. डुवार्स में भी प्रशासन की नजर बनी हुई है. गोजमुमो के आंदोलन को रोकने के लिए तृणमूल ने पार्टी स्तर पर भी कमर कस ली है. सिलीगुड़ी सहित तराई व डुवार्स में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से गोरखालैंड के खिलाफ तथा पहाड़ में शांति वापस लाने के लिए रैलियां निकाली जायेंगी. गोजमुमो के आंदोलन से सरकारी तथा राजनीतिक स्तर पर निबटने के लिए गौतम देव व तृणमूल विधायक सौरभ चक्रवर्ती ने रोड मैप तैयार कर लिया है.
सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि तराई-डुआर्स में किसी भी प्रकार की अशांति बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बुधवार को मालबाजार, उदलाबाड़ी, बानरहाट, चामुर्ची आदि कई इलाकों में तृणमूल की ओर से रैली निकाली जायेगी. गौतम देव ने बताया कि बुधवार को शहर में तृणमूल की ओर महारैली का आयोजन किया गया है. जीटीए क्षेत्र को छोड़ समतल में अलग राज्य से संबंधित अशांति किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
बंगाल सरकार के सामने घुटने नहीं टेकेंगे : मोरचा
दार्जिलिंग. अलग राज्य गोरखालैंड के लिए मर जायेंगे, लेकिन बंगाल के सामने घुटने नहीं टेकेंगे. यह दावा है गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग का. राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए श्री गुरुंग ने कहा कि बंगाल सरकार जितना चाहे पुलिस बल का प्रयोग कर ले, गोरखालैंड आंदोलन दबने वाला नहीं है.
दार्जलिंग पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए दार्जिलिंग गोरखा पर्वतीय परिषद का गठन किया गया, लेकिन जनता ने उसे खारिज कर दिया. इसके बाद जीटीए का गठन किया गया, उसे भी जनता ने खारिज कर दिया. क्योंकि इससे गोरखाओं को अपना पहचान नहीं मिला. गोरखालैंड से कम कुछ स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड की प्रक्रिया चलाने के लिए आठ अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया गया है. इस समयसीमा के भीतर अगर केंद्र सरकार ने कोई पहल नहीं की तो नौ अगस्त से दूसरे चरण का आंदोलन शुरू किया जायेगा. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र से लेकर तराई-डुवार्स व संकोश तक आंदोलन किया जायेगा. आंदोलन में आदिवासी समुदाय को भी आंदोलन को सहयोग करने से अपील की गयी है. आंदोलन की रूपरेखा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में मोरचा केंद्रीय कमेटी की बैठक होगी. बैठक में दूसरे चरण के आंदोलन की रूपरेखा तय की जायेगी.

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