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चावल की थैली ले पैदल पहाड़ की ओर हुए रवाना

सिलीगुड़ी. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन से पहाड़ पर खाद्य संकट को दूर करने के लिये गोरखा जनमुक्ति मोरचा के छात्र युवा मोरचा ने अनूठी पहल की है. समतल से खाद्य सामग्री लेकर छात्र युवा मोरचा के सदस्य पैदल दार्जिलिंग रवाना हो गए. बेमियादी बंद के पचास दिन से अधिक हो […]

सिलीगुड़ी. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन से पहाड़ पर खाद्य संकट को दूर करने के लिये गोरखा जनमुक्ति मोरचा के छात्र युवा मोरचा ने अनूठी पहल की है. समतल से खाद्य सामग्री लेकर छात्र युवा मोरचा के सदस्य पैदल दार्जिलिंग रवाना हो गए.

बेमियादी बंद के पचास दिन से अधिक हो गये हैं. गोरखालैंड आंदोलन लगातार जारी है. गोरखा जनमुक्ति युवा मोरचा के तीन सदस्य पिछले 16 दिनों से आमरन अनशन पर बैठे हैं. लगातार बंद ने पहाड़ पर भयावह खाद्य संकट है. दूसरी तरफ गोरखालैंड विरोधियों ने पहाड़ पर खाद्य आपूर्ति व्यवस्था को रोक दिया है. पहाड़ पर खाद्य संकट को दूर करने के लिये ही कुछ युवा छात्र हाथ में चावल की थैली लेकर समतल से पैदल ही पहाड़ की ओर चल पड़े. शनिवार को मोरचा नेता सुरेन प्रधान के नेतृत्व में सुकना निवासी कुछ युवा खाद्य सामग्री के साथ पैदल कर्सियांग के लिए रवाना हुए, कल कर्सियांग से दार्जिलिंग का रूख करेगें. इस संबंध में सुरेन प्रधान ने बताया कि गोरखालैंड की मांग पर गणतांत्रिक पद्धति से पूरे पहाड़ पर आंदोलन जारी है.

आमरन अनशन भी हो रहा है. अनशन पर बैठे प्रत्येक युवाओं की शारीरिक स्थिति में लगातार बिगड़ती जा रही है. इसके बावजूद केंद्र व राज्य सरकार की नींद नहीं खुल रही है. अविलंब केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. बंद की वजह से पहाड़वासियों के समक्ष दाने-दाने के लाले पड़ गये हैं. बंगाल पुलिस खाद्य सामग्री पहाड़ पर जाने के रोक रही है. जिसकी वजह से पैदल की खाद्य सामग्री को पहाड़वासियों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है.

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