सिलीगुड़ी. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में जारी बेमियादी बंद खत्म होने के तमाम आसार फिलहाल समाप्त हो गये हैं. नयी दिल्ली में गोरखालैंड मूवमेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) की बैठक में पहाड़ पर बेमियादी बंद खत्म करने को लेकर कोई सहमति नहीं बनी. नयी दिल्ली के अगस्त क्रांति रोड स्थित एनसीयूआइ भवन में आयोजित जीएमसीसी की इस बैठक में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के 13 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
इस बैठक के दौरान गोरामुमो तथा कुछ अन्य दलों ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग तथा कर्सियांग सहित पूरे पर्वतीय क्षेत्र में खाद्य सामग्रियों की किल्लत के मद्देनजर दो दिन के लिए बंद में ढील देने का सुझाव दिया. जिस पर दूसरी पार्टियों के सदस्य सहमत नहीं हुए. इसके अलावा गोरामुमो ने पहाड़ के स्कूल-कॉलेजों को खोलने का प्रस्ताव भी रखा. उसको भी नामंजूर कर दिया गया.
इससे साफ है कि दार्जिलंग पर्वतीय क्षेत्र में 48 दिनों से जारी बेमियादी बंद अभी भी चलेगा. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए जीएमसीसी अध्यक्ष कल्याण देवान ने कहा कि अब से गोरखालैंड से संबंधित तमाम आंदोलन दिल्ली में भी किये जायेंगे. इन आंदोलनों को जीएमसीसी द्वारा संचालित किया जायेगा. उन्होंने साफ साफ कहा कि जीएमसीसी की बैठक में अलग गोरखालैंड राज्य से कम कुछ भी लेने पर सहमति नहीं बनी. राज्य तथा केंद्र सरकार की चुप्पी की भी बैठक में कड़ी आलोचना की गयी. उन्होंने आगे कहा कि चार अगस्त को गोरखालैंड की मांग में नयी दिल्ली के जंतर-मंतर में अनशन किया जायेगा. उनकी योजना और भी अधिक दिनों तक अनशन करने की थी, लेकिन स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए
दिल्ली पुलिस पांच अगस्त से 15 अगस्त तक जंतर-मंतर पर कोई भी कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दे रही है. इसलिए सिर्फ चार तारीख को ही अनशन करने का निर्णय लिया गया है. बैठक में एनसीपी सांसद माजिद मेनन द्वारा गोरखालैंड मुद्दा संसद में उठाने के लिए उनका स्वागत व धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया.
पप्पू यादव के साथ हुई बैठक
इस बीच रोशन गिरि, पीटी ओला तथा जीएमसीसी सदस्य फैजल अहमद ने मंगलवार को सांसद पप्पू यादव से मुलाकात की. उन्हें गोरखालैंड की मांग के बारे में जानकारी दी गयी और इस मुद्दे को संसद में उठाने का आग्रह किया गया. श्री अहमद ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में पप्पू यादव ने इस मामले को संसद में उठाने का भरोसा दिया है. इतना ही नहीं आने वाले दिनों में जीएमसीसी सदस्य तमाम राजनीतिक दलों के सांसदों से मिल कर गोरखालैंड की मांग रखेंगे. जीएमसीसी के सभी सदस्य फिलहाल दिल्ली में ही रहेंगे.